ब्लाक के ग्रामसभा रेवतीपुर में बुढ़वा महादेव मंदिर के पास माडल तालाब बनाया जाएगा। अभियान 'जल है तो कल है' के तहत रेवतीपुर के नव निर्वाचित ग्राम प्रधान राकेश राय इसका संकल्प लिया। इस तालाब के किनारे फलदार व छायादार वृक्ष लगाए जाएंगे। लोगों को बैठने के लिए सीमेंटेंड बेंच होगा। साथ ही इसके चारों तरफ सीढि़यां बनेंगी। यह तलाब न केवल वर्षा का जल संचय करेगा बल्कि गांव के लोगों के लिए पिकनिक स्पाट की तरह होगा।
राकेश राय की सोच अलग है। वह गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए अपने छोटे भाई निवर्तमान ब्लाक प्रमुख मुकेश राय के साथ गांव के विकास के लिए तैयारी में लगे हुए हैं। पंचायत भवन का सुंदरीकरण की शुरूआत हो गई है। गांव के नालियों की सफाई भी शुरू है। दोनों भाई पर्यावरण प्रेमी भी हैं। मुकेश राय ने कब्रिस्तान तक को पौधों से हरा भरा कर दिया। हजारों पौधे आम, नीम, सौगौन आदि के अपने खर्च से मंगाकर ग्रामीणों को निश्शुल्क वितरण किए हैं। अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बहुत सारे पौधे भी लगाए हैं। लगभग सत्तर हजार की आबादी वाला रेवतीपुर गांव प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है।
पुरखों ने गांव में जगह-जगह मिट्टी निकालकर गड़ही बनाया है ताकि उसमें जल संचय हो सके। कुछ को छोड़ दिया जाए तो आज भी गांव में उन गड़हियों आ अस्तित्व है। खतौनी में तो वैसे गांव में दो ही पोखरे हैं, जो आज भी हैं। गड़ही-पोखरों से बहुत ही लाभ होता है। एक तो बारिश और घर का पानी उसमें जमा होता है और उसके माध्यम से वह भूमि के अंदर चला जाता है। जिससे कि भूगर्भ जल स्त्रोत रिचार्ज होता है। गांव में सैकड़ों की संख्या में सबमसिर्बल लगे हैं जो प्रतिदिन लाखों लीटर पानी भूमि से निकाल रहे हैं, लेकिन गांव में गड़ही, पोखरा व तालाब होने से वह पानी बर्बाद होने से बच जाता है। नालियों से होते हुए सबमसिर्बल का पानी पोखरों में जाता है और वहां से धरती के नीचे चला जाता है।