लखनऊ में सड़क हादसे के बाद घायल होकर दम तोड़ने वाले जवान अंकित सिंह का पैतृक गांव गहमर के भैरोराय पट्टी में अंतिम संस्कार हुआ। जवान का पार्थिव शरीर सेना के एबुंलेंस से रविवार की सुबह पैतृक गांव लाया गया, शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं चीख-पुकार से गांव में मातम छा गया। पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को पैत्रिक आवास पर सुबह से ही भीड़ उमड़ती रही। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पूर्वाह्न 11:00 बजे पूरे सैनिक सम्मान के साथ सैकड़ों की भीड़ के बीच अंकित गहमर के नरवा घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गए। इस बीच भारत माता की जय, अंकित सिंह अमर रहे आदि देशभक्ति का नारा गूंजता रहा।
इसके पूर्व सेना कमांड हास्पिटल लखनऊ से आये कांस्टेबल राकीबुद्दीन व अनूप पाण्डेय व 39-जी टीसी गोरखा रेजिमेंट वाराणसी के नायब सूबेदार आरएस यादव व सीएचएम देवेन्द्र छेत्री सेना की तरफ से पुष्पचक्र अर्पित करते हुए अंकित से लिपटे तिरंगे को उनके परिवार को भेंट किया। मालूम हो कि 23 वर्षीय अंकित सिंह पुत्र अशोक सिंह भारतीय थल सेना के आर्मी मेडिकल कोर में वर्ष 2015 में भर्ती होकर कुछ समय से कमांड हास्पिटल लखनऊ में कार्यरत थे।
जहां 23 मई को बाइक से लखनऊ शहर में कहीं जा रहे थे, तभी वह सड़क दुर्घटना के शिकार हो गये। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लखनऊ में ही सैनिक अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। इसके बाद 4 जून की दोपहर इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। देशभक्ति नारों के बीच उनके छोटे भाई अंकुश सिंह ने मुखाग्नि दी। इस घटना की सूचना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया था।