धानापुर ब्लाक के हिंगुतरगढ़ निवासी भारतीय वायु सेना के जवान शिवपाल सिंह चार अगस्त को टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए भाला फेक प्रतियोगिता में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनका जिक्र किया तो गांव वाले गदगद हो गए। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। पिता रामश्रय सिंह भी बेटे की इस उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। गांव वालों को गांव के लाल पर पूरा भरोसा है। शिवपाल ने भी ओलंपिक में मेडल जीतने का भरोसा दिलाया है।
शिवपाल के पिता रामाश्रय सिंह पीएसी रामनगर, वाराणसी में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। माता पूनम सिंह का निधन आठ साल पहले ही हो गया। शिवपाल में बचपन से ही प्रतिभा थी। इसलिए जैबलिन थ्रो में माहिर नेवी में तैनात उनके चाचा जगमोहन उन्हें लेकर दिल्ली चले गए। यहां प्रशिक्षण दिलाया। कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत शिवपाल ने कई मुकाम हासिल किए। उन्होंने कई एशियाई प्रतियोगिताओं में मेडल जीते। 10 मार्च 2020 को दक्षिण अफ्रिका में आयोजित प्रतियोगिता में उन्होंने 85.47 मीटर तक भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक के लिए अपनी दावेदारी पर मुहर लगवा ली। 23 जुलाई से आठ अगस्त तक टोक्यो में आयोजित ओलंपिक में प्रतिभाग करेंगे। इसके लिए 25 जुलाई को जिले से रवाना होंगे। वहीं चार अगस्त को मुकाबला होगा। उनकी इस उपलब्धि से गांव वाले गदगद हैं। पिता को भी बेटे पर पूरा भरोसा है। बोले, शिवपाल से बात हुई। प्रधानमंत्री के संबोधन से उन्हें काफी प्रेरणा मिली है। वे बचपन से ही प्रतिभावान रहे। उम्मीद है कि ओलंपिक में मेडल जरूर जीतेंगे। वहीं ग्रामीण भी खेल के प्रति उनकी दीवागनी के कायल हैं। बचपन में उन्हें भाला फेंकता देख हर कोई उनका मुरीद हो जाता था।
प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिला
शिवपाल बचपन से ही प्रतिभावान थे। मेरे भाई जगमोहन सिंह नेवी में एथलेटिक कोच हैं। उनके प्रशिक्षण की बदौलत कई प्रतियोगिताओं में बेटे ने स्वर्ण व रजत पदक हासिल किए। प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिला है, ऐसे में पूरी उम्मीद है कि वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतेगा। पीएम की पहल की बदौलत देश के गरीब प्रतिभावान बच्चों को भी अब राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने का मौका मिल रहा है।
बोले, ग्रामीण :
- शिवपाल के अंदर शुरू से ही प्रतिभा रही। उनके चाचा के गुण भी उनके अंदर विद्यमान रहे। अच्छी ट्रेनिंग और कड़ी मेहनत की बदौलत उन्होंने जिले और गांव का नाम रोशन किया है।
- ओलंपिक के लिए गांव के बेटे के चयन से पूरा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है। हम सभी की यही कामना है कि ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करें।
- उनका शुरू से ही भाला फेंकने में रुझान था। जैबलिन थ्रोवर अपने चाचा जगमोहन सिंह से शुरू से ही प्रभावित रहे। उनकी प्रेरणा और प्रशिक्षण से यह मुकाम हासिल किया। उनसे ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद है।
- शिवपाल ने खेल की दुनिया में उत्कृष्ट मुकाम हासिल किया है। इससे गांव के दूसरे युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी। युवा यदि अपनी ऊर्जा को सार्थक दिशा में लगाएंगे तो सफलता कदम चूमेगी।