काशी विश्वनाथ मंदिर मंगलवार से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। बाबा का दरबार खुलते ही भक्तों के आने का क्रम शुरू हो गया। भक्तों को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही मंदिर में प्रवेश दिया गया। मंदिर प्रबंधन सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराता रहा। सुबह मंगला आरती के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोल दिया गया। फिलहाल गर्भगृह में प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है। लोगों को बाहर से ही बाबा का दर्शन करने की छूट है। माला-फूल, दूध आदि चढ़ाने पर भी रोक लगी है।
करीब 54 दिन बाद भक्तों को बाबा का दर्शन करने का सौभाग्य मिल रहा है। 14 अप्रैल को मंदिर आम लोगों के लिए बंद कर केवल आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाने पर प्रवेश का नियम बना दिया गया था। मंगलवार को मंगला आरती के बाद सुबह छह बजे दर्शन के लिए खोले जाने पर भक्तों ने झांकी दर्शन शुरू किया। शासन की गाइड लाइन के अनुसार किसी को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है। इस कारण सभी को बाहर से ही झांकी दर्शन का मौका मिला।
मंदिर परिसर में दर्शन के लिए जाने के लिए आदेशानुसार केवल गेट नंबर चार (पांचों पंडवा) से प्रवेश और निकासी की व्यवस्था की गई है। एक साथ केवल पांच लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा था। मंदिर में दर्शन करने पहुंचने वालों के लिए जहां चार स्थानों पर सेंसरयुक्त सैनिटाइजर मशीन लगी है, वहीं प्रत्येक घंटे परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है।
काशी विश्वनाथ परिसर में ही स्थित अन्नपूर्णा मंदिर भी साढ़े छह बजे खोला गया। काशी के अन्य प्रमुख मंदिरों दुर्गाकुंड स्थित दुर्गामंदिर, गुरु बृहस्पति मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर, जागेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर और शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर खोल दिए गए।
संकटमोचन मंदिर में भी रिपोर्ट की बाध्यता खत्म
संकटमोचन मंदिर में भी आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता समाप्त कर दी गई। महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन अनुसार मंदिर में एक बार में सिर्फ पांच लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। मुख्य द्वार पर थर्मल स्केनिंग की जाएगी और हाथ सैनिटाइज करने के बाद मास्क लगा कर ही प्रवेश दिया गया। मंगलवार की सुबह से संकटमोचन दरबार में भी आस्थावान पहुंचे।
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