जमानियां तहसील के एक गांव में शनिवार को वैक्सीनेशन के लिए पहुंची टीम से मारपीट के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की लामबंदी नजर आई। कोरोना टीकाकरण के दौरान गांव के युवकों की ओर से मारपीट करने के बाद पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य कर्मियों के समर्थन में उतरे बेसिक हेल्थ वर्कर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में पीएचसी जमानियां पाए निंदा प्रस्ताव का आयोजन किया गया। कहा कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तब पूरे जिले में वैक्सिनेशन का कार्य बंद रखेंगे।
इनकार करते हुए युवकों ने टीम को गांव के बाहर तक दौड़ा लिया। स्वास्थ्य कर्मियों के समझाने पर उल्टा मारपीट शुरू कर दी और गाली गलौज भी किया। हालांकि, मामले ने तूल पकड़ा तो स्वास्थ्यकर्मी एकजुट होकर कोतवाली पहुंचे और घटना की तहरीर दी। पुलिस से कार्रवाई की मांग के साथ कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी।
बेसिक हेल्थ वर्कर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के धनज्जय तिवारी ने बताया कि देवैथा गांव में कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाने के दौरान मारपीट निंदनीय है। टीम के गांव में पहुंचने पर कुछ लोगों ने कम संख्या होने पर वैक्सीन लगाने के लिए दबाव बनाया। स्वास्थ्य कर्मियों ने नियमों का हवाला देकर उन्हें समझाने का प्रयास किया तो दबंग किस्म के युवक स्वास्थ्य कर्मियों से उलझ गए और गाली गलौज शुरू कर दिया। इसके बाद टीम के सदस्यों को गांव के बाहर खदेड़ते हुए दौड़ा लिया और फिर उन्हें पकड़कर मारना-पीटना शुरू कर दिया।
धनज्जय तिवारी ने कहा कि जब तक पीड़ित को इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक कार्य का नहीं किया जायेगा, घटना को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है। जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नही किया जाता हमसब कार्य विरत रहेंगे। वक्ताओं ने कहा की स्वास्थ्य कर्मी लोगों की जान को बचाने के लिये तमाम दिक्कतों का सामना करते हुए सेवा भाव से वैक्सिनेशन कर रहे है। ऐसे में कोई व्यक्ति स्वस्थ्य कर्मी के साथ मारपीट करे तो गलत है। देवैथा गांव की घटना शर्मनाक है, ऐसे कत्तई माफ नही करेंगे। इस अवसर पर सुभाष गुप्ता,महेंद्र सिंह, जीएन शुक्ला, मोहित कुमार आदि स्वस्थ्य कर्मी रहे।