दहेज का दानव किस तरह समाज को धीरे-धीरे खोखला करता जा रहा है, कैसे मानवीय संवेदनाएं कम हो रहीं हैं। इसका उदाहरण रविवार को गाजीपुर में देखने को मिला। जिस युवती से प्रेम किया। संग जीने मरने की कस्में खाईं। अग्नि को साक्षी मानकर जन्म-जन्म साथ निभाने का वचन दिया। उसी को दहेज के लिए विदाई के बाद बीच रास्ते में गाड़ी से उतारकर दूल्हा और उसके घरवाले चले गए। लाचार दुल्हन ने अपने घर लौट परिजनों को घटना के बारे में बताया। युवती के पिता ने भांवरकोल थाने पहुंचकर बेटी के ससुरालवालों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मामला थाना क्षेत्र के चक अहमद गांव (गोंडी) का है। गांव निवासी रामअवतार राजभर की पुत्री 20 वर्षीय रीता का करीमुद्दीनपुर क्षेत्र के फखनपुरा गांव के 23 वर्षीय सुनील कुमार पुत्र सुभाष राजभर से पिछले एक वर्ष से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। बात खुली तो दोनों गांवों के प्रधानों व ग्रामीणों के पंचायत के बाद तय हुआ कि उनका का विवाह करा दिया जाए। दोनों के परिजन भी राजी हो गए। तीन जून को परिवारों की सहमति से पंचों की मौजूदगी में शिव मंदिर में हंसी-खुशी के साथ शादी सम्पन्न हो गई। शुक्रवार को लड़के वाले दुल्हन को को विदाकर अपने गांव ले जाने लगे। इसी बीच रास्ते में अचानक गाड़ी रोक दुल्हन को रास्ते में छोड़कर लड़के वाले यह कहकर चलते बने कि जब तक दो लाख रुपये नगद व बाअक नहीं मिलेगी, तब तक तुम्हारी विदाई नहीं होगी। दूल्हे ने भी घरवालों का विरोध नहीं किया।
यह सुनकर लड़की के पैरों तले जमीन खिसक गयी। वह किसी तरह वहां से अपने घर आकर अपने पिता को पूरी बात बतायी। इस मामले में लड़की के पिता ने रविवार को स्थानीय थाना तहरीर देकर लड़केवालों पर कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में थानाध्यक्ष शैलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि इस लड़कीवालों की तरफ से तहरीर मिली है। मामले की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।