कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर झेल चुके वाराणसी जिले में अब पर्यटन और बनारसीपन सड़कों और घाटों पर लौटने लगा है। बाजार गली मुहल्ले से लेकर गंगा पार और गंगा की लहरों पर आस्था की सवारी भी अब लापरवाही संग नजर आने लगी है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की दस्तक के बीच लॉकडाउन की समाप्ति और शनिवार के अलावा रविवार को भी बाजारबंदी का असर अब मामूली होता जा रहा है। गंगा में नौकायन पर प्रतिबंध खत्म होने के बाद अब नौका संचालक भी पर्यटकों की बाट जोहते नजर आने लगे हैं।
कोरोना संक्रमण की गति एक समय होली के बाद से लेकर मई माह के मध्य तक लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी में कहर बरपा रही थी। लोगों के मरने और अस्पतालों में बेड तक न नसीब होने की वजह से बनारस शहर का पर्यटन कारोबार बेपटरी हो गया। बाजार से लेकर कारोबार और पर्यटन और गंगा की रौनक तक कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गई। हालांकि, कोरोना वायरस की तीसरी लहर नहीं आई तो इस बार गंगा में देव दीपावली की भव्य रौनक नजर आनी तय है। जबकि मानसून के पहले ही आ जाने की वजह से इस बार नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है इसकी वजह से नदियों में समय से पहले बाढ़ आने की संभावनाओं के बीच पर्यटन से जुड़े लोग बाढ़ में नौकायन बंद होने से पूर्व ही कमाई कर लेना चाह रहे हैं। क्योंकि, कोरोना के कारण नौकायन और पर्यटन बंद होने के बाद गंगा में बाढ़ में भी माह भर में नौकायन प्रभावित होना तय है।
कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आने के बाद अब जून माह में लॉकडाउन खत्म होने और वायरस पर लगाम लगने के बाद धर्म आध्यात्म के लिए प्रसिद्ध शहर वाराणसी में रौनक दोबारा नजर आने लगी है। मानसून के समय से पूर्व आने के बाद अब पर्यटक घाट से लेकर मंदिरों तक हाजिरी लगाने लगे हैं। हालांकि माह भर पूर्व की मौतों की अधिकता के बीच अब सड़कों पर उमड़ी भीड़ में ज्यादातर लोग अब दोबारा मास्क से परहेज करने लगे हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण दशाश्वमेध घाट स्थित आरती स्थल का प्लेटफार्म अब पानी में डूबने लगा है। ऐसे में गंगा आरती का स्थान भी अब और ऊपर होने की उम्मीद है।
वहीं गंगा के बढ़ते जलस्तर के बीच गंगा उस पार की रौनक लौटने लगी है। वहीं गंगा पार ऊंट और घोड़े की सवारी का आनंद लेने वालों की कतार लगने लगी है। जबकि व्यस्तम मार्ग रहे गोदौलिया - दशाश्वमेध मार्ग पर उमड़ी भीड़ में लोगों को न तो मास्क की चिंता है और न ही शारीरिक दूरी का कोई ख्याल। वहीं बीएचयू स्थित बिड़ला मंदिर परिसर में बिना मास्क के घूमते लोग आम तौर पर नजर आते हैं।