राजकीय विपणन शाखा के गेहूं क्रय केंद्र पर 40 दिन में मात्र 1800 क्विंटल गेहूं की खरीद हो सकी है। यही नहीं 35 किसानों में से 30 का भुगतान हो गया है, जबकि पांच का भुगतान शेष है। पंचायत चुनाव के बाद विभाग खरीद में तेजी आने का दावा कर रहा है। शासन ने इस बार गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। किसानों ने बताया कि धीमी खरीद से कृषि कार्यों के लिए गेहूं बेचने में दिक्कत हो रही है।
जिस तरह से खरीद हो रही है उम्मीद नहीं है कि शेष 34 दिनों में यह खरीद पूरी हो पाएगी। खरीद प्रक्रिया में तेजी होगी तभी किसानों को निर्धारित समर्थन मूल्य का लाभ मिल सकेगा। एक अप्रैल से खरीद प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके लिए केंद्र पर आठ हजार खाली बोरे, दो इलेक्ट्रॉनिक कांटा सहित एक एसएमआई की तैनाती हुई थी। खरीद के लिए 15 जून तक की अवधि निर्धारित है। खरीद में तेजी लाने के लिए वहां तैनात सीनियर मार्केटिंग इंस्पेक्टर ने पचास किसानों से टोकन जमा करा लिया है।
जो खरीद की जा रही उसके उठान को भी प्रतिदिन निर्धारित जगहों पर वाहनों से भेजा जा रहा है। किसान सरकारी केंद्रों पर बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिट्रेशन भी करा रहे हैं। राजकीय गेहूं क्रय केंद्र सुहवल के सीनियर मार्केटिंग इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार ने बताया कि शासन ने लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। बावजूद इसके खरीद प्रक्रिया तेजी से जारी है। बताया कि गेहूं के भंडारण तथा उठान की समुचित व्यवस्था की गई है।