उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक 90 साल के बुजुर्ग कैदी के पैरों में बेड़ियां डालकर इलाज करने का मामला सामने आया है। कैदी की पहचान बलवंत सिंह के बेटे बाबूराम के तौर पर हुई है। वो एक पुराने मामले में जेल की सजा काट रहे हैं। बुधवार को सांस लेने में तकलीफ की वजह से उन्हें महिला हॉस्पिटल के नॉन कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया है।
महिला हॉस्पिटल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर का कहना है कि बाबूराम मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं। वो बार-बार बेड से उठकर भाग जाते हैं। ऐसे में भागने के दौरान उन्हें कहीं चोट न लग जाए इसलिए उन्हें बेड़ियों में बांधकर रखा गया है। फिलहाल उनका उपचार जारी है।
हालांकि बुजुर्ग के मानवाधिकार हनन के मामले पर कोई भी जवाब नहीं दे रहा है। बाबूराम कुल्हा हाविवपुर के रहने वाले हैं। सांस लेने में हो रही परेशानी की वजह से उन्हें नॉन कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। वे एटा के जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। पुलिसकर्मी उन्हें बेड से बांधकर बाहर घूमने चले जाते हैं।
सोशल मीडिया पर उनके पैर में बेड़ियां बंधी होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद हरकत में आए एटा जेलर ने उनके पैर में बंधी बेड़ियां खुलवाईं। डीजी जेल आनंद कुमार ने घटना पर संज्ञान लेते हुए जेल वार्डर अशोक यादव को तत्काल निलंबित कर दिया है। साथ ही घटना के दोषी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा कि इसके दोषी कर्मचारियों को माफ नहीं किया जाएगा।