क्षेत्र के धरम्मरपुर पक्का पुल के पास गंगा में मंगलवार को कई शवों के उतराए मिलने से क्षेत्र के लोग दहशत में है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से गंगा में लगातार शव बह रहे थे, पुरवा हवा के कारण दो दिनों से करीब 50 से अधिक शव बहकर किनारे लग गए हैं। शवों के सड़ने भीषण दुर्गंध उठ रही है। इससे तटवर्ती इलाके के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। साथ ही संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना हुआ है। सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शवों को गंगा किनारे जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन कराया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में बहुत अधिक मौतों के कारण लोगों को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी नहीं मिल रही है। कुछ लोग धन के अभाव में और भयवश शवों का जल प्रवाह कर दे रहे हैं। जमानियां के दैत्रा बाबा घाट पर ही गंधुतालिका, चंदौली जिले के बरहनी, सैय्यदराजा सहित बिहार के भभुआं, सासाराम तथा रोहतास जिले के लोग अंतिम संस्कार करते हैं। महामारी काल में अधिक मौतें होने के कारण घाट पर लकड़ी नहीं होने से लाचार लोग शवों का जल-प्रवाह कर दे रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि घाट पर लकड़ी 1800 रुपये कुंतल लकड़ी बेची जा रही है और वह भी बड़ी पहुंच वालों को हो मिल पा रहा है। ऐसे में गरीब लोग शव का जल-प्रवाह कर दे रहे हैं।
चोचकपुर घाट पर जहां प्रतिदिन 4-5 शवों का पहले अंतिम संस्कार होता था, वहीं एक दिन 50 तक शव का दाहसंस्कार हो रहा है। चोचकपुर के भरकुंडी कैनाल घाट पर सप्ताह में 4-5 शव आते थे, लेकिन इन दिनों एक ही दिन में 10 के करीब शवों के आने का रिकॉर्ड है। यही हाल जमानियां सहित जिले के सभी शवदाह घाटों का है। जहां आम दिनों की तुलना में महामारी काल में कई गुना शव आ रहे हैं। गंगा घाट पर बहुत अधिक शवों के किनारे लगे होने की सूचना पर सोमवार की शाम से ही जमानियां उपजिलाधिकारी, सीओ सिटी जनपद के कई थानों सहित भारी संख्या में पुलिस और राजस्व विभाग के लोग एकत्र होकर जेसीबी मशीनों की मदद से शवों को किनारे दफन करा रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार की सुबह एसडीएम सदर, एसपी सिटी तथा कई थानों के पुलिसकर्मी सहित राजस्व विभाग के लोग इस कार्य में लगे थे। शवों की संख्या इतनी अधिक थी कि सुबह नौ बजे दो पोकलैन मशीन मंगाकर शवों को दफनाने का काम शुरू कराया गया।