इस बार गंगा की लहरें जनता को नहीं डरा पाएंगी। इसकी तैयारी अभी से शुरू है। गाजीपुर से बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे-31) को गंगा से बचाने की तैयारी चल रही है। हाईवे का चौड़ीकरण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को चिंता सता रही है कि अबकी गंगा ने विकराल रुप धारण किया तो हाईवे क्षतिग्रस्त हो सकता है। चूंकि पिछले साल हाईवे के किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गये थे। उन्हें स्थान छोड़ना पड़ा था। लेकिन इस बार हाईवे पर असर पड़ सकता है। ऐसे में अब स्पर निर्माण की कोशिश सिंचाई विभाग ने शुरू की है। 10 करोड़ रुपये से तीन स्पर निर्माण को मंजूरी मिली है।
बता दें कि यह बंधा बाेल्डर से बनाया जाएगा। खोदाई का काम शुरू किया गया है। शासन ने गोरखपुर की कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी दी है। डेढ़ किलोमीटर निर्माण होना है, इसलिये पिछले दिनों सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने ड्रोन कैमरे से सर्वे किया था। तकनीकी कमेटी ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। खोदाई कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। 15 जुलाई तक प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की कोशिश है। पहले यह कार्य 15 मई तक पूरा होना था, लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते शासन ने नई टाइमलाइन तय कर दी है।
हैबतपुर मालदेपुर में रफ्तार पकड़ चुका है जीओ ट्यूब का निर्माण
बाढ़ खंड डिवीजन ने गंगा के किनारे हैबतपुर से मालदेपुर तक जीओ ट्यूब से ठोकर निर्माण प्रक्रिया को तेज कर दिया है। 1800 मीटर तक करीब 19 ट्यूब लगाने हैं। दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्पर निर्माण से हजारों परिवारों को इस बार बाढ़ से बचाया जा सकता है।
15 जून के बाद गंगा में छोड़ा जाएगा पानी
गंगा में 15 जून के बाद पानी छोड़ने के संकेत मिले हैं। 2019 में 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, इसके चलते कई परिवार बाढ़ की चपेट में आ गये थे। बता दें कि बलिया में 104 किलोमीटर गंगा, 120 किमी घाघरा, 50 किलोमीटर टोंस और 15 किमी. तक मगई नदी बहती है। इसके चलते बाढ़ से बचाने के लिये इस समय 12 बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। शासन इन परियोजनाओं की गहन समीक्षा भी कर रहा है।