शिक्षकों के वेतन जारी करने में लापरवाही बरतने के कारण गाजीपुर के बीएसए और लेखाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने वाराणसी, विंध्याचल और प्रयागराज मंडल की समीक्षा बैठक के दौरान साफ किया कि शिक्षकों के वेतन जारी करने में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मंगलवार को तीन मण्डलों व 11 जिलों के डायट प्राचार्य व बीएसए की वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि कई जिलों से शिकायते आई हैं कि अंतिम भुगतान प्रमाणपत्र (एलपीसी) भेजने में बीएसए देरी कर रहे हैं, ऐसे अधिकारियों को चिह्नित कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के कठिन समय में कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं ऐसे में उन्हें वेतन न मिले जिन्हें लगातार वेतन मिल रहा था, तो कितनी गलत बात होगी। इसलिए अंतरजनपदीय तबादले का लाभ पाए शिक्षकों का वेतन तुरंत जारी किया जाए।
उन्होंने 69 हजार भर्ती के अंतर्गत नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्र के सत्यापन और वेतन भुगतान की धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए इस प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश देते हुए कहा कि इस वर्ष रिटायर हुए शिक्षकों व कर्मचारियों के पेंशन, जीपीएफ बीमा का अविलंब भुगतान किया जाए। जांच में फर्जी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर और रिकवरी की कार्रवाई तेज की जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद, निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।