गाजीपुर में गुरुवार की देर रात आंधी-पानी और ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचाई। शहर से लेकर देहात तक जिले के कई इलाके में घरों के छप्पर उड़ गए। पेड़ गिरने से मवेशियों की मौत हो गई तो कई घरों की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो गई। कई जगह बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई तो दूर संचार की सेवाएं भी प्रभावित हुईं। ग्रामीण इलाकों में कई जगहों पर सड़क पर जल जमाव हो गया है। खेत-खलिहान में रबी की फसल जहां भींग कर बर्बाद हो गई वहीं आम-को भी नुकसान हुआ है। इस दौरान जिले में 08.41 मिमी बारिश रिकार्ड किया गया।
गुरुवार की रात अचानक मौसम ने रुख बदला और दिनभर धूप के बाद आई तेज आंधी। दिन भर की तीखी धूप के बाद गुरुवार शाम तेज व ठंडी हवा के साथ सुहानी हो गई। इस आंधी के साथ बारिश ने किसानों सहित गरीब के आशियाने को उजाड़ दिया। गाजीपुर क्षेत्र में कई जगहों पर बिजली की तार व खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस वजह से इलाकों में शुक्रवार पूरी रात और दिनभर पूरे दिन बिजली ठप रही। कई गांव में आंधी ने गरीबों के आशियाने उजाड़ दिए हैं। सड़क के बीच जल जमाव होने से लोग आक्रोशित हो गए और विरोध जताया। बारिश के चलते भीषण गर्मी झेल रहे लोगों को राहत मिली। वहीं तेज हवा की वजह से आम व लीची के अलावा खेत-खलिहान में काट कर रखे गए गेहूं के तैयार फसल को व्यापक क्षति पहुंची है। तेज हवा के झोकों के साथ आई आंधी पानी से जगह जगह पर पेड़ की डालियां टूट गई। सड़क के किनारे लगाए गए बैनर व होर्डिग गिर पड़े। जबकि, इलाके में छह घंटे तक विद्युत आपूर्ति ठप रही।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर और पश्चिम की ओर से हवा करीब 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहती रही। इससे शाम तक तपन से लोगों को राहत मिल गई। गुरुवार को अधिकतम तापमान 41.3 डिग्री, जबकि न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस तक गया। अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक, जबकि न्यूनतम तापमान तीन डिग्री कम रहा। बताया कि यह प्री-मानसून की आहट है, पूरे देश में भारी-भरकम बादल छाए हैं। अनुमान है कि शुक्रवार को या इसके दो-तीन बाद हल्की-फुल्की बौछारें भी पड़ें। इससे अधिकतम तापमान दो से तीन डिग्री तक कम हो सकता है।