स्थानीय तहसील क्षेत्र के बारा व गहमर गंगा घाटों पर पानी मे उतराए शवों का प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सोमवार की रात 11 बजे से लेकर मंगलवार की सुबह 9 बजे तक गंगा पार रेत में दफन करनाया गया। गाजीपुर से बिहार की ओर गंगा में शव बहाए जाने की सूचना पर बक्सर के जिलाधिकारी ने जनपद के डीएम से संपर्क किया था। जिसके बाद सोमवार को बक्सर के एसडीएम ने बारा क्षेत्र में सेवराई के उपजिलाधिकारी रमेश मौर्य के साथ मौका मुआयना किया था। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कुल 23 शवों को गंगा किनारे गड्ढा खोदकर दफन कराया गया।
स्थानीय क्षेत्र के नरवा घाट, सोझवा घाट, मठिया घाट सहित बारा के कई घाटों पर सोमवार को कई लावारिस शव मिले थे। इस बीच क्षेत्र लोगों में कोरोना संक्रमितों का शव गंगा में बहाए जाने की आशंका से दहशत फैल गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों द्वारा इन शवों को तत्काल दफनाने का आदेश दिया। कुछ ऐसा ही नजारा बक्सर बिहार के चौसा में देखने को मिला। यहां पर भी बड़ी संख्या में शव गंगा घाट पर उतराये मिले हैं। इस घटना की सूचना के बाद बक्सर के जिलाधिकारी अमन समीर अपने मातहतों के साथ चौसा सहित बारा और गहमर में भी आकर इसका निरीक्षण किए। कुछ लोगों का कहना था कि इस इलाके में जल प्रवाह का प्रचलन भी है। साथ ही साथ लकड़ी की भी भारी किल्लत शवों के ना जलाने का प्रमुख कारण हो सकता है।
सोमवार की रात 11 बजे से ही उप जिलाधिकारी सेवराई रमेश मौर्य, एसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया, कोतवाल गहमर अनिल पांडेय, एसओ रेवतीपुर राजेश बहादुर सिंह, समाजसेवी सुधीर सिंह मल्लाहों और कर्मियों के साथ मंगलवार की सुबह 9 बजे तक काफी प्रयास कर गहमर में बुलकीदास मठिया, बाघनारा, सोझवा, पंचमुखी व नरवा घाट से लगभग 23 शवों के अंतिम संस्कार करवाये। इस संबंध में एसडीएम सेवराई रमेश मौर्य ने बताया कि तहसील क्षेत्र के गहमर व बारा में बहकर कुल 23 शवों गढ्ढा खोदकर दफन कराया। जिलाधकारी के आदेश पर इन गंगा घाटों पर सुबह-शाम पुलिस के साथ पेट्रोलिंग लगा दिया गया है। किसी को जल प्रवाह करने की इजाजत नहीं दी जायेगी, नहीं मानने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।