सुहवल थाना की पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे हत्यारोपित सहित अंतरजनपदीय चोरी की घटना को अंजाम देने वाले एक शातित अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। आवश्यक लिखापढ़ी करने के बाद उसे संबंधित धारां में चालान कर मेडिकल मुआयना कराने के बाद न्यायालय में पेशी के लिए भेज दिया गया। जहां अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार भेजा है।
जानकारी के अनुसार पुलिस शनिवार की शाम करीब छह बजे मुखबिर से सूचना मिली कि एक बदमाश किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन से कहीं जाने की फिराक में है। इस सूचना पर थाना पुलिस घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। मौके पर उसकी जामा तलाशी ली गयी, तो उसके पास से एक 315 बोर का तमंचा व एक जिन्दा कारतूस बरामद हुआ। पूछताछ में उसने अपना नाम मेघी यादव निवासी कालूपुर बताया। उसने कबूल किया कि वह लूट की घटना को अंजाम देने जा रहा था। पुलिस ने बताया कि 24 अक्टूबर 2009 को मेदिनीपुर गांव निवासी पारसनाथ सिंह जो इंटरकालेज से अवकाश प्राप्त चपरासी थे, वह अपनी पेंशन लेकर जिला मुख्यालय से पैदल पुल के नीचे से होकर घर जा रहे थे। तभी वहां सुनसान जगह पाकर उन्हें चाकू से गोंदकर निर्मम तरीके से हत्या कर पैसा लूट लिया था।
वहीं दूसरी घटना 22 जुलाई 2020 की है, जहां बवाडां गांव निवासी व रिटायर्ड सीआरपीएफ के हवलदार सुभाषचन्द्र सिंह के घर भीषण चोरी की घटना को अंजाम देते हुए करीब तीन लाख के कीमती सामानों सहित पच्चास हजार रुपये नगद चुराने की घटना हुई थी। इन घटनाओं में छानबीन करने पर कालूपुर निवासी रवि यादव तथा मेघी यादव का नाम सामने आया था। जहां रवि यादव को पुलिस काफी पहले ही जेल भेज चुकी है। जबकि मेघी यादव इस घटना के बाद से फरार चल रहा था। पुलिस ने बताया कि पकड़े गये बदमाश पर हत्या, चोरी, गुंडा एक्ट, मिनी गुंडा, आर्म्स एक्ट सहित कुल आठ संगीन मुकदमें इस थाना में पंजीकृत हैं। पुलिस इसके अन्य अपराधिक इतिहास को भी खंघाल रही है। पुलिस ने चोरी के मामलें इसे अंतरजनपदीय शातिर चोरों का सरगना एवं मास्टरमाइंड भी बताया है। गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभाारी निरीक्षक योगेन्द्र सिंह, उपनिरीक्षक राजेश कुमार गिरी, हेड कांस्टेबल अमित सिंह, ओंमवीर सिंह, आरक्षी अजीत आदि शामिल थे।