कोरोना से मौत के मामलों में कमी नहीं आ रही है। डॉक्टरों की सारी तरकीबे फेल हो रही हैं। शुक्रवार को कोरोना मरीजों की मौत का तांडव जारी रहा। लगातार दूसरे दिन 37 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इससे पहले गुरुवार को भी 37 मरीजों की सांसें इलाज के दौरान थम गई थीं। कम उम्र के लोगों की भी जान जा रही है।
3958 लोग पॉजिटिव
कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में मामूली कमी आई है। 3958 लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं। 30 प्रतिशत लोगों के परिवार के सभी सदस्य संक्रमण की चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि करीब 27 हजार लोगों के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। इनकी रिपोर्ट 24 घंटे में आने की उम्मीद है।
6073 मरीज ठीक हुए
कोरोना को मात देने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 6073 मरीजों ने वायरस को मात दी है। ज्यादातर मरीजों ने घर में रहकर वायरस को मात देने में कामयाबी हासिल की है। बलरामपुर अस्पताल के डॉ. जीपी गुप्ता के मुताबिक कोरोना संक्रमित भाप और गुनगुने पानी में नमक डालकर गरार करें। रोजाना कम से कम तीन बार भाप लें। सात से आठ मिनट भाप लेनी चाहिए। वहीं गुनगुने पानी में नमक डालकर गरार दिन में चार से पांच बार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि गरार करने से गले का संक्रमण ठीक होता है। वायरस गले में पनपने नहीं पाता है। इससे मरीज को खांसी, गले में खराश व सांस लेने में दिक्कत से बच सकता है।
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
डॉ. जीपी गुप्ता बताते हैं कि कोरोना के 50 प्रतिशत से अधिक मरीजों के गले में खराश व खांसी की परेशानी देखने को मिल रही है। यदि समय रहते मरीज गरार और भाप शुरू कर दे तो इस तरह की परेशानी से खुद को बचा सकता है। यह घरेलू उपाए बेहद किफायती है। भांप व गरार की व्यवस्था अस्पतालों में भी होनी चाहिए। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया गया है। इस सुविधा से कोरोना के मरीजों को गंभीर अवस्था में जाने से भी बचाने में मदद मिलेगी।