जिले में गंभीर कोरोना उपचाराधीनों को आक्सीजन मिल सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक नायाब पहल की शुरुआत की है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उमेश कुमार ने उचित व्यवस्था बनाकर एक सिलेंडर से छह मरीजों को पाइपलाइन की तरह आक्सीजन पहुंचाने का काम किया है।
उन्होंने बताया कि अचानक से आक्सीजन की मांग बढ़ जाने की वजह से विभाग पर काफी दबाव बढ़ गया है। साथ ही आक्सीजन सिलेंडर में लगने वाले उपकरण की भी कमी बाजार में बन गई है। इसको देखते हुए उन्होंने एक पाइप लाइन के जरिये आक्सीजन की व्यवस्था बनाने की सोची और इसके लिए उन्होंने कर्मचारी अनिल की मदद ली। इससे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड और सहेड़ी स्थित शम्मे गौसिया मेडिकल कालेज में भर्ती कोविड-19 के उपचाराधिन को आक्सीजन देना भी शुरू कर दिया है।
ऐसे किया है तैयार
उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने प्लास्टिक की पाइप, पाइप कनेक्शन में लगने वाला टी, ज्वाइंटर और टोटी लगाया है। इसे एक सेट बनाने में करीब 1600 से दो हजार रुपये का खर्च आ रहा है। हालात से कैसे कम संसाधन में अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया जाए इसे जरूरी समझते हुए यह व्यवस्था बनाई गई है। अब कम सिलेंडर होने पर भी हम अधिक से अधिक मरीजों को इसका लाभ दे सकते हैं। डा. उमेश कुमार ने बताया कि इस तरह की व्यवस्था हो जाने के बाद इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने वाले मरीज आक्सीजन की कमी से बच सकेंगे। एक या दो सिलेंडर से इमरजेंसी को आसानी से संभाला जा सकता है। बाकी अन्य आक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल हम अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए आसानी से कर उनकी जान बचा सकते हैं।