जिला अस्पताल अब पूरी तरह से कोविड अस्पताल के रूप में काम करेगा। यहां पूरे 200 बेड कोविड के मरीजों के लिए होगा। अभी तक कोविड मरीजों के लिए यहां 50 ही बेड हैं। ऐसे में इमरजेंसी वार्ड ट्रामा सेंटर में शिफ्ट होगा। वैक्सीनेशन व कोरोना जांच का काम पुराने जिला अस्पताल में संचालित होगा। जिलाधिकारी ने इसका खाका तैयार कर लिया है। माना जा रहा है जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इससे लोगों को बड़ी सहूलियत होगी।
जिले में अब तक दो मोर्चों कोरोना के साथ चुनाव पर जिला प्रशासन की लड़ाई थी। दोनों को बेहतर तरीके से संभालने के बाद चुनाव से खाली हुए अब जिला प्रशासन ने कोरोना की तरफ पूरी तरह ध्यान दे रखा है। खुद इसकी मानीटरिंग कर रहे जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने जिला अस्पताल को पूरे तरीके से 200 बेड का कोरोना हास्पिटल बनाने का निर्णय किया है। इमरजेंसी वार्ड पास में ही स्थित ट्रामा सेंटर में शिफ्ट होगा। इतना ही नहीं, कोतवाली के बगल में स्थित पुराने अस्पताल में वैक्सीनेशन की टीम लगेगी, जिससे यहां अनावश्यक भीड़ न हो पाए और लोग कोरोना संक्रमण से बचे रहें। इतना ही नहीं, कोरोना जांच का काम भी पुराने जिला अस्पताल से ही संचालित होगा। जिलाधिकारी के इस निर्णय से लोगों को बेहद सहूलियत होगी।
12 नए चिकित्सक बुलाए जाएंगे जिला अस्पताल
अस्पताल पर बेड बढ़ाने के साथ ही यहां स्टाफ और व्यवस्थाएं भी बढ़ाई जाएंगी। तीन शिफ्टों में यह संचालित होगी। इसके लिए तीन सीनियर अधिकारियों की तैनाती होगी। इसके इतर विभिन्न सीएचसी, पीएचसी से 12 चिकित्सकों को जिला अस्पताल लाया जाएगा। एक हाल में एक स्टाफ, नर्स और वार्ड व्वाय होंगे। इन्हीं के जिम्मे सारी जिम्मेदारी होगी। मरीजों के ख्याल के साथ पूरे हाल के रिपोर्ट, मरीजों की स्थिति, साफ-सफाई पर नजर और अन्य व्यवस्थाएं इस टीम की न सिर्फ जिम्मेदारी बल्कि जवाबदेही भी होगी।