पंचायत चुनाव में गुरुवार को गाजीपुर में आधी आबादी की पूरी भागीदारी दिखी। 16 विकास खंडों के सैकड़ो बूथों पर महिला मतदाताओं में लोकतंत्र के पर्व पर भरपूर जोश दिखा। खुले मैदानों में कतार में लगी महिलाओं का तेज धूप में भी उत्साह देखते ही बन रहा था। तमाम काम काज निपटाकर महिलाएं मतदान के बूथों पर पहुंची फिर वोट डालकर ही लौटी।
गांव की सरकार बनाने में इस बार महिला मतदाताओं का उत्साह प्रतिशत का ग्राफ ऊपर ले गया। पिछले पंचायत चुनाव से बढ़कर इस बार सुबह से शाम तक मतदान केंद्रों पर महिलाओं का मतदान दूसरों को भी ताकत दे रहा था। गांव-गांव महिलाओं की भीड़ एक सी ही दिख रही थी और मतदान को लेकर उनकी चाहत भी किसी कम नहीं थी। गंवई सरकार के चुनाव के लिए आधी
आबादी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन पूरी ईमानदारी से करती दिखी। मतदान को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है। तमाम बूथों पर महिलाओं की लंबी लाइन देखी गई। कई महिलाएं अपने बच्चों को लेकर भी पोलिंग बूथ पर पहुंची और पूरे इतमिनान से वोट डाला। सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ तो पहले दो घंटे के भीतर महिला वोटरों की संख्या कम दिखी। मतदान शुरू होने के दो घंटे बाद महिलाएं घरों से निकली तो भी कतारें शाम तक नहीं टूटी। ऐसा नजारा गाजीपुर, मोहम्मदाबाद, भांवरकोल, दिलदारनगर, जमानियां, रेवतीपुर, नगसर, भदौरा, सेवराई, गहमर, रेवतीपुर, कासिमाबाद, सिधागरघाट, बहादुरगंज, दुल्लहपुर, जखनियां, सादात, सैदपुर, औड़िहार, नंदगंज, देवकली, जंगीपुर बिरनो, मरदह, करंडा आदि जगह भी दिखा
इंतजामों ने खोली लापरवाहों की पोल
जिले में इस बार पंचायत चुनाव एक ही चरण में हो रहा था। ऐसे में प्रशासन के ऊपर भी अधिक जिम्मेदारी थी। बढ़ी हुई जिम्मेदारी के बीच तैयारियों की पोल मतदान के दिन खुल गई। तमाम दावें फेल हो गए। हकीकत जो दिखी वह कोरोना के संक्रमण के इस दौर में सुखद नहीं थी। बूथों पर भीड़ अव्यवस्थाओं की मार झेलते हुए चुनाव के लिए कई जगह तेज धूप में कतार में लगी रही। वहीं मतदान केंद्रों पर पीने के पानी तक व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में मतदान की धीमी रफ्तार समस्या को और बड़ा बना रही थी।