मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में पलायन कर के आए प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की रिपोर्ट ले रहे हैं। इनके लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटर आदि के बारे में अधिकारियों से लगातार जानकारियां ले रहे हैं। मुख्यमंत्री असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए दो योजनाएं जल्द लागू करेंगे। हादसे में मृत्यु या दिव्यांग होने पर दो लाख रुपये तक की मदद और हर साल इलाज के लिए पांच लाख रुपये का बीमे का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने 13 अप्रैल यह निर्देश दिया था कि प्रदेश के जिन जिलों में प्रवासी श्रमिक लौट रहें हैं वहां क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था की जाए। इसमें प्रवासियों की जांच, रहने, खाने-पीने की व्यवस्था के विशेष इंतजाम करने के आदेश हैं। प्रदेश लौटे अब तक 1,18,754 प्रवासी श्रमिकों की बस अड्डा व रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 61,890 प्रवासी श्रमिकों को क्वारंटाइन किया गया।
सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के माध्यम से दो योजनाएं लागू करने जा रही हैं। इसमें से मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बोर्ड में पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के कामगारों और उनके परिवारजनों को पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री दुर्घटना योजना के लिए भी असंगठित कामगारों का पंजीकरण कराया जाएगा। इसमें कामगार की किसी हादसे में मृत्यु या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। प्रति श्रमिक 12 रुपये प्रीमियम का भुगतान बोर्ड अधिकृत एजेंसी को करेगा।