मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति और बेहतर किये जाने की जरूरत है। ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर होती जा रही है। लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी जैसे अधिक संक्रमण वाले जिलों में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। आगरा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। बलिया, चंदौली, अमरोहा, बिजनौर, लखीमपुर, बहराइच जैसे जिलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन्हें संबंधित मंडलों से आपूर्ति कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर आपूर्ति-वितरण के संबंध में आगे की कार्यवाही की जाए। किसी भी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल में ऑक्सीजन का अनावश्यक उपयोग न हो। अब पश्चिम बंगाल के तीन क्षेत्रों और जमशेदपुर से भी आपूर्ति हो रही है। दो नई ऑक्सीजन रेल संचालित की जा रही है। उद्योग जगत से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बढ़ाए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश से भी टैंकरों की आपूर्ति है।
मेडिकल छात्रों का सहयोग लिया जाए
उन्होंने कहा कि कोविड कार्य में आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। मेडिकल, नर्सिंग, फार्मेसी के अंतिम वर्ष के छात्रों का सहयोग लिया जाए। एक्स आर्मी मैन, सेवानिवृत्त मेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली जानी चाहिए। आयुष विभाग द्वारा जागरूकता प्रसार के दृष्टिगत विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। घर-घर आयुष काढ़ा उपलब्ध कराया जाए होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। मेडिकल किट वितरण में निगरानी समितियों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। इनसे लागातर संवाद बनाते हुए व्यवस्था को सुचारू रखा जाए।
रिकवरी दर में हो रहा सुधार
उन्होंने कहा कि 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 34,626 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 32,494 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। ‘टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट’ के सिद्धांत को ईमानदारी से लागू करने का ही परिणाम है कि प्रदेश के रिकवरी दर में लगातार सुधार हो रहा है। टीकाकरण केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए।
रेफरल लेटर की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती होने के लिए किसी भी प्रकार के रेफरल लेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। कोई भी मरीज सुविधानुसार किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हो सकता है। निजी असप्ताल में यदि कोई मरीज इलाज का खर्च दे पाने में असमर्थ है तो राज्य सरकार उसका भुगतान करेगी। सभी कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के बारे में आइसीसीसी के पास विधिवत जानकारी होनी चाहिए।
ऑक्सीजन के लिए पैसे की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसे की व्यवस्था कर दी गई है। प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास होगा केंद्र सरकार द्वारा 1500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराए गए हैं, इन्हें जिलों में उपलब्ध करा दिया गया है। पीएम केयर्स से और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों में रेमडेसिविर मुफ्त
उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की प्रदेश में उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। सभी जिलों को हर दिन रेमडेसिविर उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में यह दवा मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही है, निजी अस्पतालों को जरूरत पर इसकी आपूर्ति कराई जा रही है। जिला प्रशासन इस दवा की मांग,आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण जरूर रखें। विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल बनाकर लोगों को सही जानकारी दी जाए। किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमडेसिविर की जरूरत है और किन मरीज को ऑक्सीजन की अनिवार्यता है। अनावश्यक भय और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों के संग्रहण कर रहे हैं। इससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।