दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन का आखिरी स्टेशन मंडुआडीह में बनेगा। यह स्टेशन पूरी तरह वातानुकूलित होगा। यहां की सुविधाएं विश्व स्तरीय होंगी। दिल्ली से वाराणसी के बीच कुल 13 स्टेशन बनेंगे। इस ट्रेन के लिए जो हाई स्पीड कारिडोर बनाया जाएगा वह 9 से 10 मीटर ऊंचा ऊपरगामी होगा। यह हाई स्पीड कारिडोर उत्तर प्रदेश के 22 जिलों तथा दिल्ली के दो जिलों से होकर गुजरेगा। वहीं, बनारस में दो तहसीलों राजातालाब व सदर के 30 गांव से जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के ज्ञानपुर ट्रैक के किनारे से हाई स्पीड कारिडोर प्रस्तावित हुआ है। दिल्ली से वाराणसी तक की दूरी 810 किमी होगी। बनारस में 22 किमी का कारिडोर बनेगा। इस कारिडोर के लिए सिर्फ साढ़े 17 मीटर जमीन की दरकार होगी। आकलन के अनुसार बनारस के 22 गांवों में एक सौ हेक्टेअर जमीन के अधिग्रहण की जरूरत होगी। इसके लिए प्रत्येक गांव में समितियां बनाई जाएंगी। किसानों की सहमति से खरीदी जाएगी। प्रत्येक गांव में भूमि अधिग्रहण के लिए समिति बनाई जाएगी। समाचार पत्र में अधिग्रहण की सूचना दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना तथा शहरी क्षेत्र में दो-गुना मुआवजा दिया जाएगा। इस परियोजना में कुल 794 गांव प्रभावित हो रहे हैं। कुल 2324 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता हैं, जिसमें 1735 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है।
यहां बनेगा विश्व स्तरीय स्टेशन
- नई दिल्ली, नोएडा, जेवर, मथुरा, आगरा, इटावा, साउथ कन्नौज, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, मंडुआडीह वाराणसी।
- रखरखाव डिपो : दिल्ली और नोएडा को छोड़कर सभी स्टेशनों के पास।
- रोलिंग स्टॉक रखरखाव डिपो : लखनऊ, वाराणसी और आगरा
- निर्माण यार्ड : प्रत्येक 30 किमी पर
- सेक्शनिंग पोस्ट : 18
- उप सेक्शनिंग पोस्ट : 14