जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 2.70 लाख बच्चों को इस बार भी बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया गया है। हालांकि इससे पहले परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया गया था, लेकिन फिर शासन ने फैसला बदल दिया। बिना परीक्षा पास होने वाले बच्चे काफी खुश नजर आ रहे हैं।
माना जा रहा है कि समय की कमी और अप्रैल से नया सत्र शुरू करने की जल्दी में शासन ने यह फैसला लिया है। हालांकि एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होने के बाद बच्चों की पिछली कक्षाओं की शैक्षिक दक्षताओं का मूल्यांकन अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कराया जाएगा। इसके पूर्व शासन ने इन बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं 25 व 26 मार्च को कराने का निर्देश दिया था। बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों को बंद कर दिया गया था। एक मार्च 2021 से स्कूल चलाए जा रहे हैं। वर्तमान में जिले में कुल परिषदीय स्कूलों की संख्या 2290 है।
कोरोना संक्रमण काल के चलते 24 मार्च 2020 को किए गए लॉकडाउन की वजह से विद्यालयों को बंद कर दिया गया था। इस दौरान आनलाइन व मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया जाता रहा, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते अधिकतर बच्चे इससे वंचित रहे। कोरोना संक्रमण प्रसार की गति धीमी होने के बाद कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को 10 फरवरी और कक्षा एक से पांच तक के विद्यालयों को एक मार्च को खोलकर रोस्टर के हिसाब से पठन-पाठन शुरू किया गया है। बच्चों में शैक्षिक दक्षता विकसित करने के लिए विभाग ने समृद्ध हस्त पुस्तिका भी मुहैया कराई है। इसके जरिए भाषा और गणित का प्रारंभिक आंकलन किया जाएगा। यह दूसरा मौका है जब बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जा रहा है।
कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को बिना परीक्षा के ही प्रोन्नत कर दिया गया है। उनकी पिछली कक्षाओं का मूल्यांकन अप्रैल के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। भले ही परीक्षा नहीं कराई जा रही है, लेकिन अधिकतर स्कूलों में प्रेरणा ज्ञानोत्सव के माध्यम से मिशन को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।