राशन की दुकानों तक खाद्यान्न सीधे भेजने के लिए एक अप्रैल से आपूर्ति विभाग ने स्टेप टू डोर योजना बनाई है। इस योजना में निश्चित रूट से जीपीएस लगी गाड़ियों से भेजा जाएगा। अभी तक इसका कोई रूट निर्धारण नहीं था और न ही रास्ते में कोई निगरानी होती थी। ऐसे में रास्ते में खाद्यान्न की कालाबाजारी हो जाती थी। इसके तहत खाद्यान्न पहुंचाने का रूट निर्धारित रहेगा। गाड़ी जैसे ही उस रूट से अलग हटेगी जिला पूर्ति की टीम तुरंत सक्रिय हो जाएगी और वाहन को पकड़ लेगी।
आपूर्ति विभाग व भारतीय खाद्य निगम (आइएफसी) ने योजना को लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। सरकार राशन वितरण में पारदर्शी बनाने के साथ कालाबाजारी व दलालों पर रोक लगाने की तैयारी है। इसके साथ राशन की ढुलाई पर खर्च कम करने की योजना है। वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से राज्य खाद्य निगम के गोदाम में खाद्यान्न जाता है। राज्य खाद्य निगम का प्रत्येक ब्लाक में गोदाम है। इस गोदाम से राशन दुकानों तक खाद्यान्न आपूर्ति की जाती है। इससे सरकार को ढुलाई पर दो बार रुपये खर्च करना पड़ता है। बीच रास्ते में खाद्यन्न की कालाबाजारी होने की संभावना होती है।
इसके लिए सरकार स्टेप टू डोर योजना लेकर आई है जो अप्रैल से लागू की जाएगी। योजना के अनुसार भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से राशन उठने के बाद सीधे राशन दुकान तक पहुंचाया जाएगा। राशन पहुंचाने वाले गाड़ी में एक चिप लगी होगी। जो सीधे खाद्य रसद विभाग के सर्वर से जुड़ी होगी। गोदाम से राशन दुकान तक मार्ग तय किया जाएगा। इसी मार्ग से ही राशन लेकर गाड़ी जाएगी। लखनऊ व गाजीपुर में बैठे अधिकारी अपने मोबाइल पर गाड़ी को निगरानी रखेंगे। गलत रास्ते पर गाड़ी के जाते ही आपूर्ति विभाग टीम सक्रिय हो जाएगी और गाड़ी को पकड़ लेगी।
अप्रैल से स्टेप टू डोर सिस्टम से एफसीआई के गोदाम से कोटेदार की दुकान तक राशन पहुंचाया जाएगा। इसके मार्ग निर्धारित करने का काम पूरा कर लिया है। भारतीय खाद्य निगम ने राशन की ढुलाई करने वाले वाहनों में जीपीएस लगाने का काम भी पूरा कर लिया है।