गाजीपुर जिला कारागार में गुरुवार को जिला जज, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने औचक निरीक्षण के बाबत इंतजामों की पड़ताल की। छापेमारी के दौरान एक-एक बैरक खंगाला गया। बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली। चिकित्सालय का निरीक्षण कर वहां भर्ती बंदियों को मिल रहे स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी डाटा जुटाया। जिला जज ने जेल की व्यवस्थाओं को देखते हुए संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान कारागार में अफरा-तफरी की स्थित रही।
गुरुवार को दोपहर जिला जज प्रशांत मिश्रा, जिलाधिकारी एमपी सिंह और पुलिस अधीक्षक डा. ओमप्रकाश सिंह पुलिस बल के साथ जिला कारागार पहुंचे। अधिकारियों ने सभी बैरकों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा। इस दौरान कई कैदियों और बंदियों से भोजन के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में पूछताछ की। जेल परिसर के साथ ही भोजनालय की साफ-सफाई की व्यवस्था को देखते हुए भोजन की गुणवत्ता भी जांची। अस्पताल को देखते हुए सुविधाओं के संबंध में संबंधित से पूछताछ की। जेल में लगे सीसीटीवी कैमरा को चेक किया, जो चलता हुआ पाया गया। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए उचित दूरी का पालन करने का निर्देश देते हुए प्रत्येक बंदी को मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करने को कहा।
जिला जज प्रशांत मिश्रा ने बंदियों से उनके मुकदमों के बारे में पूछा, कहा कि जिन बंदियों को मुकदमे के लिए वकील नहीं हैं, वे अपना आवेदन जिला जेल प्रशासन को दे दें। निरीक्षण के दौरान हालांकि कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली। भोजन में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि जिन बंदियों की तबीयत खराब है, उनका इलाज कराया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए। चुनाव के साथ त्योहार भी आ रहा है, इसलिए सतर्कता से सुरक्षा की जाए। किसी को किसी प्रकार की ढील न दी जाए। बंदियों पर लगातार नजर रखी जाए। शातिर बंदियों से मिलने आने वालों पर भी नजर रखी जाए। जेल की व्यवस्था से अधिकारी संतुष्ट दिखे। निरीक्षण तक जेल में अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। निरीक्षण के दौरान सदर क्षेत्राधिकारी ओजस्वी चावला सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।