पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर मंगलवार को एसडीएम अनिरुद्ध प्रताप सिंह, तहसीलदार मुकेश कुमार सिंह, सीओ ओजस्वी चावला व सदर कोतवाल विमल मिश्रा ने नगर के स्वामी सहजानंद डिग्री कालेज का निरीक्षण कर प्रशिक्षण स्थल, पोलिग पार्टियों की रवानगी स्थल, स्ट्रांग रूम व मतगणना के स्थल के साथ प्रिटिग प्रेस का निरीक्षण किया। एसडीएम अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने बताया कि सदर विकास खंड के जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, पंचायत सदस्य व पंचायत प्रधान के पदों की मतपेटिका जमा की जाएगी।
यहां पर जनपद के सभी ब्लाकों में लगने वाले मतदान कर्मियों पीठासीन अधिकारी, प्रथम मतदान अधिकारी, द्वितीय मतदान अधिकारी व सहायक का प्रशिक्षण छह अप्रैल को कराया जाएगा। इसी के साथ प्रिटिग प्रेस संचालकों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए बताया कि सभी संचालक जो भी पंचायत चुनाव से संबंधित सामग्री के प्रिट का कार्य कर रहे हैं, वह भावी उम्मीदवार द्वारा प्रिट कराए जाने वाली सामग्री व उसके मूल्य का विवरण बना कर अपने पास रखें।
जनपद में पंचायत चुनाव चौथे चरण में 29 अप्रैल को कराया जाना है। इसकी तैयारी के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने सभी आरओ, एआरओ को निर्देशित किया है कि वह अपने विकास खंड में मतपेटिका को जमा करने व मतगणना स्थल की जांच कर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित कर ले। सदर ब्लाक विकास खंड के लिए स्वामी सहजानंद डिग्री कालेज में मतपेटिका जमा स्थल, मतगणना स्थल व प्रशिक्षण स्थल का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्था को सुनिश्चित किया। यहां पर छह अप्रैल को मतकर्मियों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। एसडीएम ने मतपेटिका को जमा करने के लिए स्ट्रांग रूम को देखने के साथ पोलिग पार्टिंयों की रवानगी की व्यवस्था बैरिकेटिग आदि का निर्देश दिया।
एसडीएम ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोगी की गाइड लाइन के अनुसार पंचायत चुनाव लड़ने वाले भावी उम्मीदवार द्वारा कितने प्रकार के पोस्टर, बैनर हैंडबिल या स्टीकर कहां से छपवाए जा रहे हैं, कितनी मात्रा में और कितने मूल्य का, उसके संबंध में प्रिटिग प्रेसों पर जाकर जांच की गई। दुकानदारों को को निर्देश दिया गया कि जबसे अधिसूचना जारी हुई है उसके बाद किस उम्मीदवार ने कितने मूल्य की स्टेशनरी की प्रिट कराई है, इसका विवरण बना कर अपने पास रख लें। इसकी सूची दुकानदारों से कभी भी मांगी जा सकती है।
यह जांच अभियान इसलिए है कि पंचायत चुनाव में किस प्रत्याशी द्वारा प्रचार-प्रसार की सामग्री में कितना खर्च किया गया? इसका डिटेल लिया जा सके, जिससे उम्मीदवार की ओर से दिए जाने वाले खर्च के ब्योरे से इसका मिलान किया जा सके, कि संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग की निर्धारित गाइड लाइन से अधिक खर्च तो नहीं किया है। किसी प्रत्याशी द्वारा सीमा से अधिक खर्च किया गया, तो उसके संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचना प्रेषित की जा सके।