स्थानीय तहसील में कानूनगो व लेखपालों की कमी राजस्व मामलों के निस्तारण में परेशानी का कारण बनी हुई है। राजस्व संबंधित विवादों का निस्तारण करने का काम तहसील स्तर पर होता है। ऐसे में अगर तहसील प्रशासन के पास कानूनगो व लेखपाल ही नहीं होंगे तो विवाद का निस्तारण कैसे होगा।
तहसील क्षेत्र में कुल 258 राजस्व गांव हैं। राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) के कुल 16 पद हैं, लेकिन इसमें चार की ही तैनाती है। शेष 12 पद खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में तहसील के अधिकारियों द्वारा एक कानूनगो को चार सर्किल की जिम्मेदारी दी गई है। यही हाल लेखपाल के पद का भी है। कुल 80 के सापेक्ष 50 लेखपाल वर्तमान में तैनात हैं। एक लेखपाल को चार से पांच गांव की जिम्मेदारी सौंप कर कार्य कराया जा रहा है।
आमतौर पर भूमि विवाद को लेकर क्षेत्र में मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं। तहसील और थाना दिवस पर आवेदन पत्र दिए जाते हैं, जिसके निस्तारण के लिए पुलिस के साथ राजस्व कर्मियों की जरूरत पड़ती है। दूसरी तरफ गांवों में तैनात लेखपालों पर किसी न किसी पक्ष द्वारा आरोप लगाया जाता है। जनता को संतुष्ट करने का काम इन्हीं राजस्व निरीक्षकों द्वारा किया जाता है। कानूनगो के अलावा भी तहसील में तमाम पद खाली चल रहे हैं। तहसीलदार न्यायिक का एक पद सृजित है, लेकिन रिक्त चल रहा है।
लेखपाल के 135 पदों में से 54 रिक्त हैं। राजस्व लिपिक का एक पद, न्यायिक अहलमद का एक पद, संग्रह अमीन के 27 पदों में 11 रिक्त, संग्रह चपरासी के 27 पदों में 8 रिक्त, नजारत चपरासी के 16 पदों में 14 रिक्त हैं। कर्मचारियों की कमी से काम बाधित हो रहा है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारी के हाथ में कुछ नहीं है। तहसीलदार आलोक कुमार ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के बारे में समय-समय पर सूची अधिकारियों को भेजी जाती है।