ठंड व गलन का असर रविवार को भी रहने से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त बना रहा। कोहरे के कहर से हर कोई बेजार हो गया है। रात से ही घना कोहरा छाने लग जा रहा है, जिसका असर दूसरे दिन दोपहर तक बना रहा। ठंड व गलन के चलते रविवार को लोग देर तक घरों में दुबके रहने को विवश रहे। सड़क पर भी कोहरे के कहर से आवागमन प्रभावित हो रहा है। यात्री समय से अपने गन्तव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
पड़ रही कड़ाके की ठंड व गलन के कारण लोग बेहाल हैं। हल्की पछुआ हवा चलने से पूरे दिन लोगों को गलन महसूस होती रही। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां ठंड व गलन से बचने के लिए लोग दोपहर तक अलाव तापते रहे। वहीं शहर क्षेत्रों में लोग घरों में ब्लोवर-हीटर के आग जलाकर ठंड भगाने का प्रयास करते रहे। बीच-बीच में बिजली की आंखमिचौली से ब्लोवर व हीटर बंद हो जाने पर लोगों की परेशानी बढ़ती रही। ठंड का असर व्यवसायों पर भी पड़ रहा है। शहर में दुकानें खुली रहीं पर, ग्राहकों का अतापता नहीं था। दोपहर बाद सूर्य देव के दर्शन हुए पर धूप में गरमाहट कम रही। फिर भी लोग धूप में बैठे रहे।
वहीं जरूरीवश ही लोग घरों से बाहर निकले। वह भी पूरे गर्म कपड़ों में। इधन कुछ दिनों से इतना घना कोहरा हो रहा है कि इसका क्रम रात से लेकर सुबह दोपहर तक इसका असर बना रहता है। इस बीच वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगी रहती है। कुछ दिन पहले से ही मौसम में काफी परिवर्तन हुआ है। गलन भरी हवा के कारण कंपकंपी बढ़ गयी है। तापमान भी लुढक कर कभी आठ, तो कभी नौ और कभी दस डिग्री तक पहुंच जा रहा है। रविवार को न्यूनतम तापमान करीब नौ डिग्री तक बना रहा। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लोगों का जन-जीवन बेहाल बना है। मौसम के मिजाज को देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ठंड से अभी निजात नहीं मिलने वाली है।