जनपद के प्रत्येक ब्लाकों में पांच-पांच माडल परिषदीय विद्यालयों का चयन किया गया है। इसमें ऐसे विद्यालयों को चुना गया है जो मिशन कायाकल्प के सभी 14 बिदुओं से संतृप्त हो गए हैं और वहां पठन-पाठन सहित बच्चों की अच्छी संख्या है। इन आदर्श विद्यालयों को प्रेरक विद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा। इससे अन्य विद्यालय भी प्रेरित होंगे और अपने यहां की कमियों को दूर करने की कोशिश करेंगे। जिले के सभी 16 ब्लाकों से कुल 80 विद्यालयों का चयन किया गया है।
जनपद में कुल 1855 परिषदीय विद्यालय संचालित होते हैं। इसमें से 1805 प्राथमिक विद्यालय और 950 उच्च प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। जिला बेसिक शिक्षा विभाग और जिला पंचायत राज विभाग सहित मनरेगा योजना के तहत सभी विद्यालयों का 14 बिदुओं पर कायाकल्प किया जा रहा है। इससें से अधिकतर पर काम पूरा हो चुका है, लेकिन कहीं-कहीं अभी भी काम अधूरा पड़ा हुआ है। कायाकल्प के सभी 14 बिदुओं पर संतृप्त होने वाले विद्यालयों की संख्या कम ही है। इसके अलावा सभी विद्यालयों को दिए गए कंपोजिट ग्रांट से काम कराया जा रहा है। विभाग के लाख कोशिश के बाद भी कुछ विद्यालय सभी 14 बिदुओं से संतृप्त नहीं हो पाए हैं।
इन 14 बिदुओं पर किया जा रहा कार्य
विद्यालयों में विद्युतीकरण, शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल, बालक व बालिका के लिए माडल शौचालय, शौचालय में जल आपूर्ति, दिव्यांग सुलभ शौचालय, मल्टीपल हैंडवाशिग यूनिट, क्लासरूम में टाइल्स, ब्लैक बोर्ड, रसोई घर, विद्यालय की रंगाई-पोताई, विद्यालय परिसर में दिव्यांग के लिए रैंप-रेलिग की व्यवस्था, विद्यालय का विद्युत संयोजन।
प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच आदर्श परिषदीय विद्यालयों का चयन किया गया है। यह मिशन कायाकल्प के सभी 14 बिदुओं से संतृप्त हैं। उनकी सूची जिला मुख्यालय मंगा ली गई है। यह विद्यालय अन्य को अपने जैसे बनने के लिए प्रेरित करेंगे।