एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में ट्रेनों के ठहराव को लेकर ग्रामीणों के उग्र आंदोलन शुरू होते ही पुलिस ने ब्रेक लगा दी। गहमर पुलिस समेत जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने धरनारत ग्रामीणों को पहले तो पुलिसिया कार्रवाई की हूल दी, बाद में हिरासत में लेकर थाने पर बैठा दिया। जबरन गिरफ्तार किए जाने पर आंदोलनरत ग्रामीणों और नेताओं से पुलिस की नोकझोंक भी हुई और फिर बलपूर्वक सभी थाने लाए गए, हालांकि इससे धरना स्थगित करा दिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे स्टेशन और सर्कुलेटिंग एरिया में आरपीएफ और जीआरपी की तैनाती की गई है।
रविवार सुबह गहमर में ग्रामीण धरने पर थे। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुरूप उनकी मांग स्थानीय स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की थी जिसके लिए डीआरएम समेत रेलवे बोर्ड को अल्टीमेटम दिया गया था। धरना प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए रेलवे ने अपनी सारी जुगत लगा ली लेकिन ग्रामीण नहीं हिले। आंदोलन के लिए स्टेशन पर प्रदर्शन से मनाही पर आंदोलनकारी जमीन पर ही बैठकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद आरपीएफ, जीआरपी और गहमर थाना पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर धरना स्थगित करा दिया। सभी आंदोलनकारियों को शांति भंग और कोरोना प्रोटोकाल के उल्लंघन समेत अन्य संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया।
आंदोलनकारियों ने बताया कि हम अपने मौलिक अधिकार के तहत अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस और आरपीएफ के जवानों ने मनमाने तरीके से गिरफ्तार कर लिया। बताया कि कोविड-19 का हवाला देते हुए रेल प्रशासन द्वारा पूर्व में रुक रही ट्रेनों का भी ठहराव रद्द कर दिया था जिससे ग्रामीणों को असुविधा हो रही है। गहमर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दिलीप कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। वहीं दिलदारनगर आरपीएफ इंचार्ज ने बताया कि बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।