नववर्ष के आगमन को लेकर मुक्तिधाम संस्थान अपनी पुरी तैयारी कर ली है। जुटने वाली भीड़ के चलते कोविड-19 को लेकर पूरी तरह से सतर्कता बरती जायेगी तथा सोशलडिस्टेसिंग के तहत ही इस बार नये वर्ष मनाने की अनुमति मिलेगी।
नये वर्ष के आगमन को लेकर मुक्ति धाम पार्क को पूरी तरह से दुल्हन की तरह सजाया गया है। सरयू के कलरव व पार्कों में लगी मधुर धुनें नये वर्ष के आगमन को लेकर स्वागतम् स्वागतम् से अभिनन्दन करेंगी। मुक्तीधाम पार्क को एक विहंगम रूप दिया गया है तथा पार्को का एक नये तरीके से रंग रोगन किया गया है। वही दुधिया रोशनी से पूरी तरह से शिव की विशाल प्रतिमा बनी हुई है। गंगा अवतरण की झांकी में शिव के जाट से निकली विशाल धारा जो सबका मन मोह ले रही है। भगीरथ की तपस्या के साथ राम दरबार के साथ पार्कों में लगे देशी विदेशी फूल जो अपने आप में एक अलग आभा विखेर रहे हैं।
द्वादश शिवलिंग के साथ-साथ शिव की गुफ़ा भी इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। पार्क में लगी हरी हरी घासे जो सबका मन मोह लेगी, वहीं देशी विदेशी कुछ पंछी लोगों अपने तरफ खिचेंगे। संस्थान के संस्थापक पूर्व चेयरमैन गुलाबचंद गुप्त ने बताया कि मुक्तीधाम पार्क का अवलोकन करने के लिये करीब दस हजार की संख्या में लोग आते हैं। इसके लिये इस बार विशेष व्यवस्था की गयी है तथा नये वर्ष के आगमन को लेकर मुक्तीधाम संस्थान अपनी पूरी तैयारी कर लिया है। पार्क में बैरकेटिंग की गयी है, ताकि लोग फूल पौधों को ज्यादा नुक्सान न कर सके। इस बार शव यात्रियों को भी आजमगढ़ रोड से शव को उतारकर कंधे से लेकर जाना होगा। जिससे जाम की समस्या न हो, वही डीजे से लेकर मधुर संगीत के बीच नये वर्ष का जश्न लोग मुक्तीधाम पर आकर मनाने को लेकर विशेष सुरक्षा की गयी है।