जिले के साथ ही बीएचयू की पहली ‘गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी नेहा सिंह की सात पुस्तकों का विमोचन बुधवार को कुलपति राकेश भटनागर ने किया। बीएचयू में वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा नेहा ने इन किताबों को लॉकडाउन के दौरान लिखा है। इस दौरान केन्द्र के समन्वयक प्रो. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी भी मौजूद रहे। नेहा सिंह रसड़ा क्षेत्र के डेहरी गांव की रहने वाली हैं।
बलिया व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार भगवद्गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़ नाम की सबसे बड़ी पेंटिंग बनाकर नेहा ने अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर कुलपति ने कहा कि यदि विवि के एक सौ चार वर्ष के इतिहास में पहली बार किसी विद्यार्थी ने गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में जगह बनायी है तो यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने नेहा की तारीफ करने करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में भारत की संस्कृति व संस्कार पर इतना अध्ययन कर लेना नेहा की विलक्षण प्रतिभा को प्रमाणित करता है। ऐसे विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करके आगे बढ़ाने में विश्वविद्यालय के हर अध्यापकों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
नेहा सिंह ने बताया कि ललित कला में निपुणता हासिल करने में काशी विद्यापीठ की सेवानिवृत्त प्रोफेसर मंजुला चतुर्वेदी व बीएचयू के ललित कला संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर सुरेश नायर का अहम योगदान है।
इन पुस्तकों का हुआ विमोचन
बीएचयू के कुलपति ने नेहा सिंह की जिन पुस्तकों का विमोचन किया उसमें राम नाम शास्त्र है, जीवन दर्शन गीता, वैदिक विज्ञान - संक्षिप्त एवं सरल परिचय, पंचतत्व एवं महावाक्य, 151 उपनिषदों का सारांश, आत्म गीतिका (खुद के लिखे कविताओं का संग्रह) व दशोपनिषद (पहले से नेहा सिंह द्वारा बनाए गए दशोपनिषद एलबम का पुस्तक रूपांतर) शामिल है।