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गाजीपुर: छठपूजा के लिए सजने लगे बाजार, तैयारियां हुई तेजी से शुरू हो चुकी है...

लोक आस्था का पर्व डाला छठ की तैयारियों तेजी से शुरू हो चुकी है। फलों, सूप, दउरी का बाजार सजने लगा है। लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है। श्रद्धालु गंगा घाटों, तालाब एवं नहरों के किनारे वेदी बनाने में जुटे हुए हैं।

डाला छठ पूजा के लिए बाजार में रौनक बढ़ने लगी है। लोग खरीदारी करने में जुटे हुए हैं। गंगा घाटों, तालाब एवं पोखरों में वेदी बनाने का काम तेज हो चुका है। वहीं नगरपालिका की ओर से सभी घाटों की साफ सफाई का काम तेज हो गा है।

मुहम्मदाबाद : बाजार में कपड़ों की दुकानों पर भी महिलाओं आदि की भीड़ हो रही है। बाजार में अभी थोक फल की दुकानों पर भीड़ हो रही है। बाजार में भीड़ भाड़ के चलते जाम की समस्या पैदा हो जा रही है। बारा : दीपावली व गोवर्धन पूजा के बाद अब छठ पूजा के होने वाले आयोजन को लेकर पूरे इलाके में उल्लास व उत्साह का माहौल है। पर्व के नजदीक आते जाने के साथ ही बाजार में भी रौनक दिखने लगी है। बाजार स्थित विभिन्न दुकानों पर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। वहीं, दउरी बनाने वाले युद्ध स्तर में जुट गए हैं। छठ पर्व पर फलों की सबसे अधिक बिक्री होती है जिससे इसको लेकर और भी रौनक दिख रही है। कारोबारी विभिन्न प्रकार के फलों को मंगाने का काम शुरू कर दिए हैं।

खानपुर : क्षेत्र में गंगा, गोमती, गांगी व एकौझी नदियों और तालाबों पर व्रती महिलाओं ने वेदी के लिए घाट घेरना भी शुरू कर दिया है। घरों में भी पूजन तैयारियों के साथ छठी मइया के गीत गूंजने लगे हैं। समाजसेवी संगठनों और जागरूक नागरिकों द्वारा जलाशय के घाटों की साफ सफाई और प्रकाश व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है। लोक आस्था का महापर्व डाला छठ का महत्व कोरोनाकाल में अत्यधिक बढ़ गया है। व्रती महिलाएं खुद अपने हाथों से गेंहू धोना सुखाना और प्रसाद बनाने के लिए पीसना शुरू कर दिया है। गन्ने के खेतों से ईंख का चयन और लौकी के साथ फल प्रसाद और दउरी सूप की व्यवस्था की जा रही है। चार दिवसीय महापर्व के प्रथम दिन नहाय-खाय कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ पूजा का आरंभ होता है। 18 नवंबर दिन बुधवार को नहाय-खाय का दिन रहेगा। पंचमी तिथि को छठ पूजा का दूसरा दिन यानि लोहंडा और खरना इस बार 19 नवंबर दिन गुरुवार को होगा। तृतीय दिन यानि छठ पूजा का मुख्य दिन और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संध्या के समय डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाएगा। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि यानि चौथे दिन 21 नवंबर दिन शनिवार को सूर्योदय के समय अ‌र्घ्य देने के पश्चात छठ के व्रत का पारण और समापन किया जाएगा।

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