तहसील परिसर में सोमवार को अधिवक्ताओं ने अधिकारों की आवाज बुलंद की। मांगों केा लेकर दोपहर 12 बजे से बार एसोसिएशन के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। अपने सात सूत्रीय मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया और उसे मानने की बात कही।
एसोसिएशन के अध्यक्ष गोरखनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व में दिए गए सात सूत्रीय मांग पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने को लेकर धरना-प्रदर्शन को हम लोगों को बाध्य होना पड़ा है। चेतावनी दिया कि अगर आगामी 26 नवंबर तक मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हम लोग 27 नवंबर को सड़क पर उतर जाएंगे। बताया कि सात सूत्रीय मांगों में तहसीलदार पेशकार शैलेंद्र यादव के खिलाफ कार्यवाही कर पटल से हटाने, आदेश में लंबित पत्रावलियों में समय से आदेश पारित करने व कार्यालयों में व्यापत अनियमितता पर अंकुश लगाने, आदेश का अनुपालन एक सप्ताह के अंदर अभिलेखों से कराने व उपजिलाधिकारी से जनता दर्शन में समय से बैठने व सुनवाई किए जाने की मांग शामिल है।
इसके अलावा प्रस्ताव की प्रतिलिपि आयुक्त वाराणसी मंडल, राजस्व परिषद लखनऊ, जिलाधिक्कारी, उपजिलाधिकारी व तहसीलदार को भी भेजी गई है। धरना-प्रदर्शन में सुरेंद्र प्रसाद, राजवंश सिंह, रामजी राय, नंदकिशोर राय, श्रवण, मेराज हसन, ज्ञान सागर श्रीवास्तव, फैसल होदा, घनश्याम सिंह, उदय नारायण सिंह, बृजेश आदि अधिवक्ता शामिल रहे। संचालन राम जी राय ने किया। उधर एसडीएम शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि तहसीलदार पेशकार के हटाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेंजा गई है। तहसील में कर्मचारियों की कमी हैं।