पूर्वांचल में प्रमुख नदियों का रुख अब घटाव की ओर है। सप्ताह भर से बारिश न होने की वजह से नदियों का रुख अब धीरे धीरे घटाव की ओर होने से तटवर्ती लोगों को राहत मिली है। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों के अनुसार अब नदियाें में बढ़ाव की उम्मीदें काफी कम हैं। गंगा और सरयू नदी की लहरें तल्ख होने से तटवर्ती इलाकों में कटान का दौर जहां जारी है वहीं खेतों के कटने से किसानों में चिंता बनी हुई है।
जबकि निचले इलाकों में भरा पानी निकलने के बाद से ही किसान खेती किसानी की ओर लौटने लगे हैं। वहीं जिन इलाकों में बाढ़ की वजह से हरे चारे का अभाव था वहां किसान हरे चारे की बोआई में जुट गए हैं। जबकि कुछ निचले इलाकों में अभी भी पानी भरा होने की वजह से पानी सड़ने से संक्रामक बीमारियों के बढ़ने आ अंदेशा है। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में इन दिनों मच्छरों की भरमार होने लगी है। ग्रामीणांचलों में संक्रामक राेग रोध्ाी दवाओं के छिड़काव की मांग उठने लगी है।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से शुक्रवार की सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार बलिया के तुर्तीवार में सरयू नदी का जलस्तर 63.88 मीटर पर दर्ज किया गया जो इस समय चेतावनी बिंदु से ऊपर है। शुक्रवार की दोपहर में केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पूर्वांचल में गंगा नदी मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिले में नदी का जलस्तर स्थिर है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर घटाव की ओर है तो सोनभद्र में सोन नदी, बाण सागर और रिहंद बांध का जलस्तर भी घटाव की ओर है।