कोरोना के कारण 17 मार्च से बंद ताजमहल को पिछले दिनों सैलानियों के लिए खोल दिया गया था। जिसके बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि जिले में सैलानियों के आने से बाजारों की रौनक बढ़ेगी। लेकिन कोरोना के साथ-साथ अब आगरा की हवा भी सैलानियों को परेशान करने लगी है। पिछले कुछ दिनों के दौरान आगरा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। जिसके कारण लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है। आस-पास हो रहे कंस्ट्रक्शन के काम की वजह से आगरा में आक्सीजन का लेवल कम हो गया है।
स्थानीय निवासी आशीष सिंह ने समाचार एजेंसी ANI को बताया,'बढ़ते प्रदूषण के कारण शहर के लोगों को काफी समस्या हो रही है। लेकिन प्रशासन इस मुद्दे पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। बढ़ता वायु प्रदूषण जहाँ एकतरफ मनुष्य परेशान हैं वहीं ऐतिहासिक इमारतों को भी इससे काफी खतरा है।' एक अन्य स्थानी निवासी गौरव गुप्ता बताते हैं,'बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है। आगरा में हर तरफ कंस्ट्रक्शन का काम जोरों पर है। प्रदूषण के मामले में आगरा 9 वें स्थान पर है।'
आगरा में बढ़ते वायु प्रदूषण पर राष्ट्रीय स्मारक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सैय्यद मुनव्वर अली ने कहा ,'सभी कंस्ट्रक्शन कंपनियों को यह निर्देश दिया जा चुका है। जिससे वो अपनी साइट पर प्रदूषण को नियंत्रित कर सकें। हमने आक्सीजन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए पूरे शहर में पौधारोपण कार्यक्रम शुरु किया है।' उन्होंने बताया,'ताजमहल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में 100 इलेक्ट्रॉनिक बसों का संचालन किया जाएगा। इन बसों से कोई भी जहरीली जैसे नहीं निकलती।'
आगरा में कोरोना के कारण एक दिन में सिर्फ 5 हजार सैलानियों को ही अनुमति दी जा रही है। ऐसे में कई बार यह भी देखा जा रहा है कि सैलानियों को बिना चांद का दिदार किए ही वापस लौटना पड़ता है।