लखनऊ के महाराजगंज पुलिस पर मदद न करने का आरोप लगाकर विधानसभा के सामने खुद को आग लगाने वाली महिला की बुधवार देर शाम मौत हो गई। 90 प्रतिशत झुलसी महिला का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा थ। उधर इस मामले में मंगलवार देर रात कांग्रेस के अनुसूचित प्रकोष्ठ के चेयरमैन आलोक कुमार के खिलाफ पुलिस ने आत्मदाह के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद ही पुलिस ने आलोक को बुधवार दोपहर गोमती नगर से पूछताछ के लिए बुलाया। फिर महिला की मौत के बाद पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी दिखा। इस गिरफ्तारी को लेकर भी पुलिस ने देर रात तक संशय बनाए रखा। आलोक के पिता सुखदेव प्रसाद राजस्थान के राज्यपाल रह चुके हैं।
महाराजगंज पुलिस ने भी पूछताछ की
शाम करीब छह बजे महाराजगंज पुलिस भी लखनऊ आ गई थी। उसने भी पुलिस को बताया कि महाराजगंज में आलोक कुमार ने पीड़िता को उकसाया था। उसके कहने पर ही वह अपने पति के घर हंगामा करने गई थी। कई तथ्य जुटाने के बाद डीसीपी मध्य सोमेन वर्मा ने देर रात आलोक को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की।
महिला की स्थिति बिगड़ती गई
झारखंड की रहने वाली महिला अंजना तिवारी (बाद में आयशा) ने दूसरे पति आसिफ के घर वालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। महाराजगंज में शिकायत के बाद भी मदद न करने से नाराज होकर उसने मंगलवार को विधानभवन के सामने खुद को आग लगा ली थी। उसे सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने पहले ही उसकी हालत बेहद गम्भीर बता दी थी। बुधवार सुबह से उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई थी। उसकी मौत की सूचना महाराजगंज और गोरखपुर पुलिस को भी दे दी गई थी।