पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण संबंधी प्रस्ताव के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले अभियंताओं और कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। उन्होंने बुधवार को भी दोपहर दो से शाम पांच बजे तक कार्य बहिष्कार के बाद भिखारीपुर स्थित एमडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। विरोध सभा में कहा कि निजीकरण का प्रस्ताव वापस नहीं हुआ तो विभागीय वीडियो कांफ्रेंसिंग व बैठकों का बहिष्कार होगा।
उन्होंने गुरुवार से सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत बिजली अधिकारी व कर्मचारी विभागीय ह्वाटसएप ग्रुप पर न तो कोई प्रतिक्रिया देंगे और न ही प्रबंधन का कोई निर्देश मानेंगे। सभा में मशाल जुलूस में शामिल कर्मचारी नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई।
ट्रांसमिशन विंग में भी किया संपर्क
समिति के पदाधिकारियों ने डुबकिया पारेषण केंद्र, 220 केवी भेलूपुर एवं 132 केवी भिखारीपुर में ट्रांसमिशन विंग के कर्मचारियों, अभियंताओं को भी हड़ताल के लिए तैयार रहने को कहा है।
विरोध सभा में पदाधिकारियों ने कहा कि कोविड -19 महामारी जैसी मुश्किल परिस्थितियों में बिजली कर्मियों ने अपने काम का लोहा मनवाया लेकिन निगम व सरकार इसका मोल नहीं समझ रही है। कहा कि मौजूदा आंदोलन के चलते अगर इससे उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। वक्ताओं ने बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली सुविधा समाप्त करने के लिए भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
इस मौके पर फणींद्र राय, जीउत लाल, चंद्रेशखर चौरसिया, आरके वाही, मायाशंकर तिवारी, एके श्रीवास्तव, दीपक अग्रवाल, संजय भारती, डीके दोहरे, शशिकिरण मौर्य, रमाशंकर पाल, आरके राय, आरबी यादव आदि मौजूद थे।