रामनगर की रामलीला के दूसरे दिन का लीला स्थल अयोध्या में सन्नाटा पसरा था तो जनकपुर के दरवाजे पर ताला लगा कर मास पारायण किया गया। गुरुवार को जनकपुर में मास मानस पारायण में दूसरे दिन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्य द्वार का ताला खोला गया।पहले दिन रामबाग पहुंचे नेमियों को यह सोच कर संतोष था कि सांकेतिक रामलीला के तहत हो रहे मानस पारायण के पाठ का दूर से श्रवण करने को मिलेगा। गुरुवार की दोपहर तीन बजे कुछ नेमी पहुंचे तो देख कर हैरान रह गए कि जनकपुर के प्रवेश द्वार पर ताला लगा है।
पता चला किले से आदेश आया है कि पारायण के दौरान कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश न करे। पांच बजे पाठ पूरा होने के बाद ही दरवाजा खुलेगा। कुछ देर दरवाजे के बाहर खड़े होकर जानकी मंदिर के आंगन में पांच रामायणियों को पाठ करते हुए देखा फिर दुर्गा मंदिर जाकर दर्शन पूजन किया और पांच बजे तक पुन: जनकपुर पहुंचे। बनारस के पक्के महाल से जाने वाले नेमी भी इसी बीच जनकपुर पहुंच गए। मंदिर में विराजमान श्रीराम-जानकी, लक्ष्मण-उर्मिला, भरत-मांडवी, शत्रुध्न-श्रुतिकीर्ति के विग्रहों के दर्शन के बाद नेमियों ने मंदिर के बाहर वाले चबूतरे पर अड़ी जमाई। गायघाट, रामघाट, चौखंभा, विश्वनाथ गली से लेकर किले के आसपास रहने वाले नेमी अब भी इसी बात पर चर्चा में लगे हैं कि ऐसे कौन-कौन से तरीके हो सकते हैं, जिन्हें अपना कर रामलीला कराई जा सकती थी। अयोध्या में होने वाली फिल्मी सितारों की रामलीला के प्रचार-प्रसार के बीच रामनगर की रामलीला के रोके जाने को नेमी-प्रेमी हजम नहीं कर पा रहे।