वाराणसी के ह्रदय स्थल दशाश्वमेध पर एक बड़ा नाला मिला है। सोमवार दोपहर हाइड्रोलिक गेट बनाने के लिए हुई खुदाई के दौरान यह नाला सामने आया।पूरी तरह सूखे नाले के बारे में जल निगम के अधिकारियों को भी कुछ नहीं पता है। नाला कितना लंबा है? कहां से कहां तक जाता है? कब इसका निर्माण हुआ? यह सब किसी अधिकारी को फिलहाल नहीं पता है। यानी अधिकारियों को न तो इस नाले के भूगोल के बारे में जानकारी है और न ही इसका इतिहास पता है। आसपास के लोग इसे शाही नाला का ही हिस्सा मान रहे हैं। इसे भी शाही नाले की तरह अंग्रेजों के जमाने का नाला माना जा रहा है।
देर रात राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी भी इसे देखने पहुंचे। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से इस नाले के बारे में जानकारी ली। जल निगम के अधिकारियों ने इस नाले के शाही नाले का हिस्सा होने को लेकर स्पष्ट न होने की बात कही। राज्यमंत्री ने अधिकारियों से मंगलवार को इस नाले की जानकारी लेने को कहा है।
क्षेत्रीय लोग इसे शाही नाला का हिस्सा मान रहे हैं। इस नाले का आकार बड़ा है। उसमें नीचे उतरने के लिए लोहे की कड़ियां भी लगी हुई हैं। खोदाई के दौरान जब इस नाले का चौकोर ढक्कन खोला गया तो लोगों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। आसपास के काफी लोग इस नाले को देखने पहुंचे।