बलिया जिले में कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने के लिए बने एल-वन अस्पताल खाली पड़े हैं जबकि जिले के इकलौते राजकीय महिला महाविद्यालय में मरीज भर्ती हो रहे हैं। शनिवार को भी राजकीय महिला महाविद्यालय में 31 मरीज भर्ती थे जबकि बसंतपुर और फेफना के दोनों सीएचसी पूरी तरह खाली थे। वहीं राजकीय कालेज में प्रवेश प्रक्रिया भी चल रही है। कॉलेज में मरीज भर्ती होने के कारण प्रवेश प्रक्रिया का संचालन कैंपस के पास एनएच के किनारे बने एक दुकान में हो रहा है। कॉलेज की छात्राएं सड़क किनारे ही पेड़ के नीचे खड़ी होकर ही प्रवेश के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर रही हैं।
जिले में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए जिला प्रशासन ने दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को एल-1 फैसिलिटी सेंटर के रूप में तब्दील किया। बाद में जब संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी तो जिला मुख्यालय पर स्थित 125 बेड के निजी अस्पताल के अलावा शहर से करीब आठ किमी दूर नगवा के राजकीय महिला महाविद्यालय को भी विकल्प के रूप में तैयार किया गया था। बताया जा रहा है कि शुरुआती दिनों में सरकारी एल-1 सेंटरों के अलावा निजी अस्पतालों में मरीज भर्ती हुए। इसी बीच सरकार ने 20 जुलाई को होम आईसोलेशन का निर्देश जारी कर दिया।
इसके बाद कोरोना संक्रमित अधिसंख्य मरीज अस्पताल जाने की बजाय घर पर ही रहने लगे। जिला प्रशासन की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 8 अगस्त को केवल सीएचसी बसंतपुर स्थित एल-1 सेंटर में 30 मरीज भर्ती थे। अन्य सभी केन्द्र खाली थी। वहीं 9 अगस्त को राजकीय महिला महाविद्यालय में 42 मरीज हो गए, जबकि सीएचसी बसंतपुर के 55 बेड व फेफना सीएचसी के 125 बेड पूरी तरह खाली थे। इसके बाद से अबतक दोनों सरकारी अस्पतालों में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। 28 अगस्त को राजकीय महिला महाविद्यालय में 26 मरीज भर्ती थे जबकि 29 अगस्त को इसमें भर्ती मरीजों की संख्या 31 हो गई। वहीं दोनों सीएचसी 29 अगस्त को भी खाली थे।