प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में खेल एवं खिलौने को बढ़ावा दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे बच्चों के सुनहरे भविष्य तय होंगे और आत्म निर्भर भारत की दिशा में गंभीर कदम होंगे। बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए परंपरागत भारतीय खिलौनों का अहम रोल है। वाराणसी के खिलौना उद्योग की चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र की समृद्धि आवश्यक है। बनारस में नदेसर समेत कई स्थानों पर लोगों ने सामूहिक रूप से पीएम मोदी के मन की बात सुनी और खिलौना उद्योग को उबारने के लिए दिये गए जोर की सराहना की।
पीएम ने कहा कि पूरी दुनिया में सात लाख करोड़ का खिलौना व्यापार है, किन्तु इसमें भारत का हिस्सा बहुत कम है। इस क्षेत्र में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए? खिलौना उद्योग बहुत व्यापक है। गृह उद्योग हो, छोटे और लघु उद्योग हो, एमएसएमई हों, इसके साथ-साथ बड़े उद्योग और निजी उद्यमी भी इसके दायरे में आते हैं। इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी।