राज्य सरकार अयोध्या के साथ ही धार्मिक नगरी चित्रकूट की भी सूरत बदलने जा रही है। इसके विकास का पूरा खाका खींचा जा चुका है। राज्य सरकार का मानना है कि अयोध्या घूमने के लिए आने वाले चित्रकूट का वह स्थल भी देखना पसंद करेंगे। जहां श्रीराम वनवास जाते समय रुके थे और भरत मिलाप हुआ था। चित्रकूट के विकास की बड़ी जिम्मेदारी नगर विकास विभाग को सौंपी गई है। नगर विकास विभाग ने इसके आधार पर ही वहां विकास कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसी मद्देनज़र चित्रकूट व कर्वी को मिलाकर जल्द ही नगर निगम का दर्जा दिया जाएगा।
विश्व स्तर की दी जाएंगी सुविधाएं
चित्रकूट का धार्मिक महत्व है। वन्य पहाड़ी, जिसे मूल चित्रकूट माना जाता है। यहीं भरत मिलाप मंदिर स्थित है। तीर्थयात्री यहां भगवान कामदनाथ व भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कामदगिरी पहाड़ी की परिक्रमा करते हैं। मंदकानी नदी के किनारे स्थित यह घाट एक शांत तीर्थ स्थल है। इसी को ध्यान में रखते हुए विकास की योजनाएं तैयार कराई गई हैं।
सड़कें बनाने के साथ ड्रेनेज व्यवस्था
नगर विकास विभाग चित्रकूट में सड़कें बनाने के साथ ड्रेनेज की व्यवस्था को ठीक कराएगा, जिससे बरसात में जलभराव की समस्या न हो। जरूरत के आधार पर सभी प्रमुख स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। कुछ स्थानों पर इसका काम शुरू करा दिया गया है। इसके साथ ही बिजली के तारों को अंडरग्राउंड कराने के लिए बिजली विभाग का सहयोग करेगा। पार्क के साथ चौराहों का सुंदरीकरण कराया जाएगा। शहर के पार्कों को अमृत योजना से बेहतर बनाया जाएगा। इसमें बैठने के साथ फव्वारे भी लगाए जाएंगे।