बिहार होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों के घर पर जाकर यह सत्यापन किया जा रहा है कि उनके यहां आवश्यक संसाधन हैं या नहीं। अगर घर पर आइसोलेशन के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, तो उन्हें नजदीक के कोविड केयर सेंटर में भेजा जा रहा है। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई दूसरा व्यक्ति उनसे संक्रमित नहीं हो जाए। साथ ही उनका इलाज भी बेहतर ढंग से हो सके।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि अभियान चलाकर इसका सत्यापान कराया जा रहा है। टीम को विशेष निर्देश है कि 50 साल से ऊपर के मरीजों के घर का सत्यापन विशेष रूप से करें। उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर तथा कोविड हेल्थ सेंटर में काफी संख्या में बेड उपलब्ध हैं। विभाग द्वारा सभी डीएम, सिविल सर्जन तथा मेडिकल कॉलेजों के प्रचार्यों-अधीक्षकों आदि के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर आरटीपीसीआर जांच बढ़ाने और बेहतर इलाज के लिए की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की गई। सभी को आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध करानी है।
वहीं, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच और इसके इलाज से संबंधित तमाम बिंदुओं पर सरकार निरंतर आवश्यक कार्रवाई कर रही है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है। वहीं संक्रमितों के ठीक होने का प्रतिशत निरंतर बेहतर हो रहा है।