उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में शनिवार को अजीबोगरीब बच्चे का जन्म हुआ है, जिसे देख डॉक्टर सहम गए। बच्चे का चेहरा भयावह और त्वचा मोटी-सख्त मछली की तरह है। डॉक्टरों के अनुसार 30 लाख बच्चों में एक बच्चा हेरलीक्विन इकथियोसिस बीमारी से पीड़ित होता है।
शहर के विष्णुपुरी स्थित वरुण हॉस्पिटल में शनिवार को कासगंज के गंज गुरुद्वारा निवासी मानवेंद्र ने अपनी 35 वर्षीय गर्भवती पत्नी प्रियंका को इमरजेंसी में भर्ती कराया। अस्पताल की गायोनोलॉजिस्ट ने गंभीर हालत देख ओटी में शिफ्ट करा दिया। डॉ. मनी भार्गव ने असिस्टेंट प्रवीन व सिस्टर रिया और आरती के साथ महिला की सर्जरी की। करीब साढ़े चार बजे महिला ने एक अजीबोगरीब बच्चे को जन्म दिया। बच्चे को देख स्टाफ सहम गया। बच्चे की आवाज सामान्य बच्चों की तरह है। उसकी त्वचा जगह-जगह से टूटी हुई है। डॉक्टरों ने बताया कि यह हेरलीक्विन इकथियोसिस बीमारी से पीड़ित पूरी दुनिया में इस तरह के मात्र तीन बच्चे ही अभी तक जिंदा हैं।
मां ने बच्चे को अपने पास ही रखा
मां ने रो रहे बच्चे को दूध पिलाया है। चिकित्सक नाक में नली लगाकर बच्चे को दवा दे रहे हैं। महिला ने बच्चे को अपने पास ही रखा है। डॉक्टरों की मानें तो बच्चा ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह सकता। महिला का यह पांचवां प्रसव हुआ है।
हेरलीक्विन इकथियोसिस बीमारी है। ये तीन मिलियन (30 लाख) में से किसी एक बच्चे को पाई जाती है। इनके आंख, कान मुंह भी कुछ भूतिया रूप के होते हैं। इनमे बच्चे का लिंग बात पाना भी बहुत मुश्किल होता है। यह जेनेटिक डिसऑर्डर है। जिसमें एबीसीए जीन का डिफेक्टिव होता है।-डॉ. संजय भार्गव, वरुण हॉस्पिटल।