प्रदेश भर में 55 घंटे के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का असर एक बार फिर विध्यवासिनी धाम पर साफ दिखाई दिया। शनिवार की सुबह विध्यवासिनी मंदिर समेत पूरा विध्य क्षेत्र सुनसान नजर आया। लॉकडाउन के बाद भी मंदिर खुला रहा लेकिन भक्तों की जगह सिर्फ पुलिसकर्मी ही दिखाई पड़े। जो भी श्रद्धालु आए वे मां की आराधना कर वापस निकल पड़े। स्थानीय लोग भी घर से बाहर निकलते नहीं देखे गए।
कोरोना चेन तोड़ने के लिए विध्यवासियों ने सरकार का पूरा समर्थन किया। कहा कि देश के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। संक्रमण को रोकने की जिम्मेदारी सबकी है। लॉकडाउन के बाद भी शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। श्रीविध्य पंडा समाज ने लॉकडाउन के बाद भी विध्यवासिनी मंदिर खुला रखने का निर्णय लिया था।
पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया था कि लॉकडाउन के दौरान मां विध्यवासिनी का कपाट खुला रहेगा और श्रद्धालुओं को सरकार के गाइडलाइन के अनुसार मां विध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कराया जाएगा। जबकि शनिवार की सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर परिसर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दिया। दर्शनार्थियों के वापस जाने की सूचना पर पंडा समाज ने पुलिस से बात कर दर्शनार्थियों को दर्शन-पूजन कराया। कड़ाई के साथ कराया लॉकडाउन का पालन