उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। बुंदेलखंड में ही करीब 6000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। यहां अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क के लिए नेडा व टीएचडीसीआईएल के बीच होने वाले एमओयू को मंजूरी के लिए कैबिनेट से स्वीकृत कराने की तैयारी कर ली गई है। इसके साथ ही बुंदेलखंड में प्रस्तावित ग्रीन एनर्जी कारीडोर का काम जल्द शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से बजट की मांग की गई है।
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) तथा भारत सरकार की संस्था टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कारपोरेशन इंडिया लि. के संयुक्त उपक्रम के रूप में 2000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना पर जल्द काम शुरू करने की तैयारी है।
2000 मेगावाट की क्षमता का होगा ग्रीन एनर्जी पार्क
2000 मेगावाट क्षमता के इस ग्रीन एनर्जी पार्क के लिए बुंदेलखंड में जमीन की तलाश की जा रही है। परियोजना के लिए नेडा व टीएचडीसीआईएल के बीच होने वाले एमओयू के लिए कैबिनेट से मंजूरी लिया जाना है, कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है। पहले फेज में 2400 करोड़ रुपये की लागत से 600 मेगावाट की परियोजना पर काम शुरू किया जाएगा। परियोजना में 74 फीसदी निवेश टीएचडीसीआईएल करेगा और 26 फीसदी नेडा की होगी। इस परियोजना से उत्पादित होने वाली बिजली पर प्रति यूनिट पांच पैसा राज्य सरकार को और सात पैसा ज्वाइंट वेंचर को मिलेगा।