वाराणसी से सोमवार की दोपहर श्रमजीवी एक्सप्रेस के रूप में पहली ट्रेन गुजरी। बिहार के राजगीर से नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन को पकड़ने के लिए पूर्वांचल के अलग अलग जिलों से यात्री वाराणसी स्टेशन पहुंचे थे। इनमें ज्यादातर वह लोग थे जो करीब ढाई महीने से पूर्वांचल के जिलों में फंसे थे। यहां से 85 लोगों ने अपना आरक्षण कराया था। इनमें कई लोग यूपी के ही लखनऊ और बरेली जाने वाले थे। कुछ लोग दिल्ली भी जा रहे थे। यात्रियों के स्टेशन पर आते ही सबसे पहले थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ा। केवल कंफर्म टिकट वालों को ही स्टेशन परिसर में प्रवेश दिया गया। लगातार स्टेशन परिसर को सेनेटाइज भी किया जाता रहा। पहले ही दिन श्रमजीवी एक्सप्रेस 15 मिनट देरी से पहुंची।
सरकार ने पहली जून से देश में करीब दो सौ ट्रेनों के संचालन की घोषणा की थी। उसी के तहत ट्रेनों में रिजर्वेशन शुरू किया गया था। वाराणसी जंक्शन से सोमवार को किसी ट्रेन की शुरुआत नहीं हुई है। पहली ट्रेन श्रमजीवी एक्सप्रेस यहां राजगीर से पहुंची और दिल्ली के लिए रवाना हुई। ट्रेन में तैनात टीटीई ने भी फेस मास्क के साथ फेस कवर भी लगा रखा था। साथ ही कई लोगों ने हाथों में ग्लब्स भी पहन रखे थे। यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और हाथों को लगातार सेनेटाइज करने की सलाह भी लाउडस्पीकर से दी जाती रही।
पहले ही दिन पहली ट्रेन से यात्रा करने पहुंचे बरेली के इत्तियाब हुसैन ढाई महीने से बलिया में फंसे थे। बताया कि करीब दस लोग एक बैंक की शाखा बनाने बलिया आए थे। इसी बीच लॉकडाउन के कारण फंस गए। इतने दिनों तक बैंक के अंदर ही शटर गिराकर यह लोग रह रहे थे। किसी प्रकार खाना पीना होता रहा। काफी लोग तो अन्य साधनों से चले गए। वह और उनके मामा अब ट्रेन शुरू होने पर बरेली जा रहे हैं।