यूपी के राजकीय मेडिकल कालेजों में कोरोना की जांच करने और उसकी रिपोर्ट देने के लिए 42 ट्रूनेट मशीनें बुधवार से आनी शुरू हो गई हैं। देर रात 14 मशीनें लखनऊ पहुंच गईं। इन ट्रूनेट मशीनों से पहले इमरजेन्सी व सेमी इमरजेन्सी में ऑपरेशन कराने के लिए आने वाले मरीजों की कोराना की जांच की जाएगी। उसके बाद इनका उपयोग मेडिकल कालेजों में आ रहे कोरोना के लक्षण वाले मरीजों के कोरोना पॉजिटिव होने का पता लगाने के लिए किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कालेज में ऑपरेशन कराने के लिए आने वाले मरीजों से ट्रूनेट मशीन से कोरोना की जांच करने के एवज में 1500 रुपये लेना तय किया है।
एक मशीन 50 नमूने प्रतिदिन जांच करेगी :
प्रदेश सरकार ने ट्रूनेट मशीन गोवा से लेना के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को राजकीय विमान दिया है। विमान बुधवार को गोवा से पहले चरण में 14 ट्रूनट मशीनें ले आया। इसके बाद चरणबद्ध रूप से बाकी मशीनें गोवा से लाई जाएंगी। ये ट्रूनेट मशीनें एक घंटे में एक साथ चार मरीजों के नमूनों की एक घंटे में रिपोर्ट दे देंगी। जिला अस्पतालों के एक दिन में एक ट्रूनेट मशीन की क्षमता 50 नमूनों की रिपोर्ट देने की है। इस तरह ये मशीनें 30 जून तक 20 हजार प्रतिदिन कोरोना की जांच किए जाने के मुख्यमंत्री के निर्देशों को पूरा करने में भी सहायक बनेंगी।
एक मशीन की कीमत 13 लाख 44 हजार है। 42 ट्रूनेट मशीनों पर उसके साथ आवश्यक किट के साथ करीब छह करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले के जिला अस्पतालों के लिए जो ट्रूनेट मशीनें मंगवाई हैं। वे छोटी हैं। वे केवल एक बार में दो नमूनों की जांच कर सकती हैं जबकि मेडिकल कालेजों में आ रही ये ट्रूनेट मशीनें बड़ी हैं। ये एक बार में चार नमूनों की जांच करने में सक्षम हैं।