वनवास के समय वन में राम ने जिस स्थान पर समय गुजारा हम उसे ही पंचवटी के नाम से जानते हैं पर, लखनऊ में गोमतीनगर के विनय खंड एक में ऐसा पंचवटी पार्क है जिसको वहां के कुछ लोगों ने संवारा है। इस पार्क में भी वनों में पाई जाने वाली वो सभी प्रकार की औषधियां हैं जो विभिन्न बीमारियों में जीवन रक्षक का काम करती हैं। इस पार्क का लाभ उसके आसपास रहने वाले 200 परिवारों के लोग उठा रहे हैं। बीमारियों से तो बच रही रहे हैं। यह पार्क क्षेत्र के वातावरण में सुधार के साथ यहां के लोगों को स्वस्थ भी रखने में कारगर सिद्ध हो रहा है।
इस पार्क का रखरखाव करने में जुटे कालोनी के लोगों ने बताया कि 12 साल पहले यह पार्क उजाड़ पड़ा था। अराजक तत्व इसमें बैठते थे। सबने प्रयास किया, पुलिस की कार्रवाई कराई। अराजक तत्वों का आना-जाना बंद हुआ। पुलिसकर्मियों के यह कहने पर कि आप लोग इस पार्क को विकसित करिये हम कुछ लोगों ने इस पार्क को संवारने का बीड़ा उठाया। जिसके बाद यहां धीरे-धीरे अन्य संस्थाएं भी मदद को आ गईं। अब इस पार्क ने पंचवटी वन जैसे गुण ले लिये हैं। यहां धनवंतरि वाटिका, तुलसी की चार किस्में, अश्वगंधा, सर्पगंधा, घृतकुमारी, पत्थरचट्टा, पलास, शमी, सफेद मदार, पीपल आदि के पौधे पेड़ बन चुके हैं। बड़े से लेकर छोटे नीबू के पौधे यहां देखने को मिलेंगे। पेड़ों में मनी प्लांट की बेल इनती बड़ी हो चुकी है कि उसके इतने बड़े पत्ते कहीं देखने को नहीं मिलेंगे। दुर्लभ कल्पवृक्ष भी यहां अपनी शोभा बिखेरता नजर आता है।